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मूगा सिल्क का जख्म भरने का गुण सामने आया

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कोलकाता| वस्त्र उद्योग की कभी शान रहे मूगा सिल्क का चिकित्सकीय प्रभाव सामने आया है। यह जख्म को बेहद तेजी से भरने वाले कामयाब सूचर (टांके का धागा) के रूप में इस्तेमाल हो सकता है।

बेहद चमकदार संरचना के कारण मूगा को गोल्डन सिल्क के नाम से भी जाना जाता है। यह रेशमकीट का उत्पाद है, जो असम के कुछ चुनिंदा भागों में पाया जाता है।

असम में वैज्ञानिकों ने सिल्क फाइबर को पॉलीप्रोपाइलीन में रूपांतरित कर दिया, जिसका उपयोग पैकिंग, वस्त्र उद्योग तथा घर के अन्य सामान बनाने में होता था।

प्रख्यात वैज्ञानिक तथा गुवाहाटी के इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) की पूर्व निदेशक जोयंती चूटिया ने कहा, “हमने प्लाज्मा प्रोसेसिंग प्रक्रिया से पॉलीप्रोपाइलीन को मूगा से मिलाया, जिसके बाद सूचर का उत्पादन किया, जो आसानी से घाव भरने में सफल है।”

चूटिया ने कहा, “इसके इस्तेमाल से घाव बस चंद दिनों में ही भर गया।”

यह प्रयोग खरगोश पर किया गया। यह अध्ययन आईएएसएसटी तथा असम एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी तथा मुंबई के भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के लेजर एंड प्लाज्मा टेक्नोलॉजी डिविजन संयुक्त प्रयास के तहत किया गया।

उन्होंने कहा, “प्रक्रिया के कारण मूगा सिल्क बेहद बढ़िया बैक्टीरिया रोधी गुण विकसित करता है, जो सूचर का एक महत्वपूर्ण गुण है।”

वैज्ञानिक ने कहा कि यह प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल है एवं हानिकारक भी नहीं है।

चूटिया ने कहा कि मूगा सिल्क का इस्तेमाल अबतक पारंपरिक वस्त्र के प्रयोग के तौर पर ही किया जा रहा था।

अखिल भारतीय आयर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में पैथोलॉजी विभाग में प्रोफेसर अमित के.डिंडा ने कहा कि यदि यह नियामक मानदंडों का पालन करता है, तो भारतीय सर्जरी सामग्री के विकास में यह महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।”

इंडियन सोसायटी ऑफ रीनल एंड ट्रांसप्लांट पैथोलॉजी के अध्यक्ष डिंडा ने टेलीफोन पर आईएएनएस से कहा, “भारत के लिए सूचर बेहद महत्वपूर्ण है। घावों को ठीक करने की दिशा में यह बढ़िया कदम हो सकता है। यदि नियामक मानदंडों को पालन करने में यह सफल रहता है तथा संक्रमण से घाव की सुरक्षा करता है, तो यह अच्छी चीज है। यह सस्ता भी हो सकता है।”

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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