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प्रादेशिक

मेघालय उपचुनाव में कांग्रेस को जीत

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शिलांग | मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस को चॉकपोट विधानसभा सीट के लिए कराए गए उपचुनाव में जीत मिली है। मंगलवार को घोषित परिणाम के मुताबिक, कांग्रेस उम्मीदवार ब्लूबेल संगमा ने गारो नेशनल काउंसिल (जीएनसी) के उम्मीदवार को मात दी। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रशांत नाइक ने आईएएनएस को बताया कि कांग्रेस उम्मीदवार संगमा ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी नेशनल पीपुल्स पार्टी के फिलिपोल डी.मारक को 2,550 वोट से हराया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पूर्व सदस्य संगमा ने उपचुनाव से पहले पार्टी छोड़कर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उन्हें चुनाव में 8,042 तथा फिलिपोल को 5,492 वोट मिले। साल की शुरुआत में जीएनसी के विधायक क्लिफोर्ड आर.मारक का निधन हो जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। मारक की पत्नी कल्पना डी. संगमा को 5,009 वोट मिले हैं, वह तीसरे स्थान पर रहीं। इधर, निर्दलीय उम्मीदवार टिंकरविन आर.मारक को 1,189 वोट मिले, जबकि 424 मतदाताओं ने ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) श्रेणी में वोट डाला। चॉकपोट में शनिवार को मतदान कराया गया था, जहां 24,244 मतदाताओं में से 83.11 फीसदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

कांग्रेस के प्रभारी महासचिव वी.नारायणसामी ने आईएएनएस को बताया, “क्षेत्रीय पार्टियों के गढ़ रहे चॉकपोट पर कांग्रेस की जीत यह दिखाती है कि मेघालय की जनता का कांग्रेस पार्टी में गहरा विश्वास है और उन्होंने राज्य में कांग्रेस सरकार के काम को स्वीकार किया है।” 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास अब 30 सीटें हैं, जो बहुमत से एक सीट कम है। राकांपा के विधानसभा में दो सदस्य हैं, नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी के एक और 11 निर्दलीय विधायक हैं। ये सभी कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। विपक्षी मेघालय पीपुल्स फ्रंट, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के आठ, नेशनल पीपुल्स पार्टी के दो और दो निर्दलीय विधायकों से मिलकर बना है। इधर, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के चार सदस्य हैं, जो मेघालय पीपुल्स फ्रंट का हिस्सा नहीं है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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