Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

मेघालय ने नई उम्मीदों के साथ किया 2018 का स्वागत

Published

on

Loading

शिलांग, 1 जनवरी (आईएएनएस)| मेघालय ने सोमवार को पूजा और उत्सव के साथ नए साल का स्वागत किया। भारी संख्या में लोग मंदिरों, समुद्री तटों और होटलों में पहुंचे और एक दूसरे को बधाई दी। लोगों के एक समूह ने नव वर्ष का स्वागत करने का अनोखा तरीका अपनाया। वह आधी रात को बर्फीले पानी से भरे स्वीमिंग पूल में कूदे। क्रिनोलाइन स्वीमिंग पूल में साढ़े तीन टन बर्फ डाली गई थी।

कार्यक्रम के आयोजक माइकल सिएम ने कहा, नए साल का स्वागत करने का यह हमारा स्टाइल है। इस तरह हमने भगवान से प्रार्थना भी की कि वह हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने की ताकत दे।

सिएम ने आईएएनएस से कहा, नव वर्ष का उत्सव मनाने का मतलब केवल शराब पीना और मस्ती करना नहीं होता बल्कि हमारा यह उत्सव जीवन की चुनौतियों के लिए अपने आप को मजबूत करना सिखाता है।

आधी रात को ठीक बारह बजे स्वीमिंग पूल में लगाई गई डुबकी ने अन्य राज्यों के पर्यटकों को भी आकर्षित किया।

मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने लोगों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा, आइए हम सद्भाव, एकता और सद्भावना में प्रवेश करने का संकल्प लें। राज्य में शांति और समृद्धि की तलाश में अपने आप को उन मूल्यों के प्रति समर्पित करें जिनके साथ राज्य का गठन हुआ।

राज्य के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कहा, हम आशावाद और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें, राज्य की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए लगातार एक साथ काम करने की हमारी प्रतिबद्धता को साबित करें। इस नए साल में प्यार, आशा और खुशी का प्रकाश हम सभी पर पड़े।

मेघालय के लिए साल 2018 इसलिए भी विशेष है क्योंकि फरवरी में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

Published

on

Loading

संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

Continue Reading

Trending