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मेघालय : बंद व रैलियों के मीडिया प्रचार पर रोक

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शिलांग | मेघालय उच्च न्यायालय ने मीडिया को विभिन्न संगठनों द्वारा राज्य में बंद और रैलियों का आह्वान करने संबंधी बयान प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। न्यायालय का तर्क है कि इससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। राज्य पुलिस महानिदेशक राजीव मेहता के उस अनुरोध के बाद आया है, जिसमें उन्होंने अदालत से बंद या विरोध प्रदर्शन के अन्य प्रारूपों के लिए एचएनएलसी और अन्य संगठनों के बयानों को मीडिया द्वारा प्रकाशित करने पर रोक लगाने को कहा था।

मुख्य न्यायाधीश उमानाथ सिंह, न्यायाधीश टी.एन.के सिंह और न्यायाधीश एस.आर सेन की खंडपीठ ने बुधवार रात को यह आदेश जारी किया। अदालत के निर्देश के मुताबिक, “हम निर्देश देते हैं कि एचएनएलसी या अन्य संगठनों के बयानों को किसी भी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संगठनों द्वारा जारी नहीं किया जाएगा, जिनसे दैनिक सार्वजनिक जीवन को बाधा पहुंचे या नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो।”

खंडपीठ ने कहा कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने पर अदालत की अवमानना के तहत आरोप दर्ज किए जाएंगे। अदालत ने राज्य सरकार को आदेशों का उल्लंघन करने पर आपराधिक मामले दर्ज करने का भी निर्देश दिया। गौरतलब है कि एचएनएलसी समूह ने राज्य सरकार द्वारा गांव प्रशासन विधेयर को पारित करने में हो रही देरी के लिए विरोध स्परूप 26 मई को पूर्वाह्न 6 बजे से 27 मई को पूर्वाह्न 6 बजे तक बंद का आह्वान किया था।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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