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किसानों से मिलने जा रहीं मेधा पाटकर इलाहाबाद में गिरफ्तार

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लखनऊ। नर्मदा बचाओ आंदोलन के लिए चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर शनिवार को इलाहाबाद में गिरफ्तार कर ली गईं। उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया है। वह भूमि अधिग्रहण का विरोध करते गिरफ्तार हुए लोगों के परिजनों से मिलने करछना तहसील के कचरी गांव जा रही थीं। कचरी गांव में दिवंगत सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बनवारी लाल शर्मा की बरसी के मौके पर एक जनसभा भी होनी थी, जिसमें मेधा को शामिल होना था। इलाहाबाद के जिलाधिकारी संजय कुमार ने शुक्रवार की रात मेधा पाटकर से अपनी यात्रा रद्द कर देने का अनुरोध किया था, क्योंकि आयोजन स्थल पर निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

मना किए जाने के बावजूद पहुंचीं मेधा को पुलिस ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया। सुबह पता चलने पर वहां उनके सैकड़ों समर्थक जुट गए। करीब 11 बजे मेधा अपने समर्थकों के साथ पैदल ही कचरी के लिए निकल पड़ीं, मगर स्वराज विद्यापीठ के पास पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया तो वह सड़क किनारे धरने पर बैठ गईं।

मेधा के कचरी गांव जाने से इलाके में तनाव की आशंका के मद्देनजर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई। मेधा पाटकर भूमि अधिग्रहण का विरोध करते गिरफ्तार हुए लोगों की जल्द रिहाई की मांग कर रही हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इलाहाबाद के यमुना पार स्थित कचरी में पावर प्लांट लगाने के लिए सरकार ने किसानों की जमीन अधिग्रहीत की है। किसानों का कहना है कि उन्हें सरकार ने उचित मुआवजा नहीं दिया, इसलिए वह अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं।

मेधा पाटकर ने कहा कि लालू प्रसाद से रिश्तेदारी के बाद मुलायम सिंह यादव बदल गए हैं। उनकी सरकार किसानों की जमीन हड़पना चाहती है। जमीन हड़पने के विरोध करने पर महिलाएं और बच्चे तक को गिरफ्तार कर लिया जाता है, क्या सही समाजवाद है? अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ट्रांस यमुना) आशुतोष मिश्रा ने कहा कि जहां धारा 144 लागू है, वहां मेधा के जाने से शांति भंग होने की आशंका थी, इसलिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत मेधा पाटकर और नके 10 समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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