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खेल-कूद

मेरे जीवन में नए अध्याय की तरह है पेशेवर मुक्केबाजी : विजेंदर

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मैनचेस्टर। अपने पेशेवर जीवन के पहले मुकाबले के लिए तैयार भारत के विजेंदर सिंह ने कहा है कि पेशेवर मुक्केबाजी उनके जीवन में एक नए अध्याय की तरह है। बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाले विजेंदर एक महीने से अधिक समय से दुनिया भर में मशहूर ट्रेनर ली बीयर्ड की देखरेख में मैनचेस्टर में अभ्यास कर रहे हैं।

विजेंदर का पहला पेशेवर मुकाबला 10 अक्टूबर को ब्रिटेन के सोनी व्हाइटिंग के साथ है, जो पेशेवर मुक्केबाजी में उनसे अधिक अनुभवी हैं। सोनी ने अब तक तीन मुकाबले लड़े हैं, जिनमें से दो में उनकी जीत हुई है और एक में हार। विजेंदर मैनचेस्टर एरेना में चार राउंड के मुकाबले में सोनी का सामना करेंगे।

विजेंदर मानते हैं कि पेशेवर मुक्केबाजी में आने के साथ ही उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है क्योंकि यहां न तो रिंग के आसपास भारतीय मुक्केबाज हैं, न ही भारतीय खाना है और न ही हौसलाअफजाई के लिए दोस्त हैं। विजेंदर ने कहा, “यह मेरे जीवन में नई शुरुआत है। मैं अपने पहले मुकाबले के लिए काफी रोमांचित हूं। मैं फिट हूं और एक महीने से ली बीयर्ड और हारून हेडली जैसे ट्रेनरों की देखरेख में मेहनत कर रहा हूं।”

विजेंदर कहते हैं कि यह देखकर अजीब लगता है कि यहां अभ्यास करने वाले वह अकेले भारतीय हैं। एमेच्योर मुक्केबाजी के दौरान दो-तीन लोग हमेशा उनके साथ होते थे लेकिन यहां वह अकेले हैं। विजेंदर ने कहा, “मैं यहां एक महीने से अभ्यास कर रहा हूं। मैं यहां बीयर्ड और हारून के साथ अकेला भारतीय मुक्केबाज हूं। मैं इन सब बातों को भूलकर अपने पहले मुकाबले में जी-जान लगाना चाहता हूं।”

विजेंदर ने कहा कि वह इन दिनों 8 से 10 घंटों तक अभ्यास कर रहे हैं। हरियाणा निवासी विजेंदर ने स्वीकार किया कि उनके अभ्यास सत्र एमेच्योर मुक्केबाजी के अभ्यास सत्र से लम्बे और कठिन होते हैं लेकिन वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वह अपने पेशेवर जीवन की जीत के साथ शुरुआत करेंगे।

बकौल विजेंदर, “पेशेवर ट्रेनिंग काफी कठिन है लेकिन मैंने अपनी जिंदगी में हमेशा मेहनत को तरजीह दी है। मैं अब एक पेशेवर हूं और इसमें कोई शक नहीं कि मेरे जीवन में सबकुछ बदल चुका है। मैं इसी के लिहाज से खुद को ढाल चुका हूं और हर चीज को स्वीकार करते हुए मेहनत कर रहा हूं।”

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विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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