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खेल-कूद

मेलबर्न टेस्ट : एमसीजी पर लगातार छठी बार बचाने में सफल रहा भारत

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मेलबर्न| आस्ट्रेलिया ने एक समय 384 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के छह विकेट 142 रनों पर झटक लिए थे लेकिन इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों ने अपना विकेट बचाए रखा और मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर अपनी टीम को लगातार छठी हार से बचा लिया। एमसीजी पर मंगलवार को भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और मेजबान कप्तान स्टीवन स्मिथ ने जब हाथ मिलाकर मैच खत्म करने का फैसला किया, तब भारत ने छह विकेट पर 174 रन बना लिए थे। लक्ष्य उससे कोसों दूर था। चार ओवर और फेंके जाने थे। लिहाजा मेजबान टीम को भी लगने लगा कि अब उसके लिए चार विकेट झटकना मुश्किल है क्योंकि गेंदबाजों को विकेट से कोई मदद नहीं मिल रही थी।

खेल समाप्ति की घोषणा के वक्त धौनी विकेट पर ही थे और 39 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 24 रन बना चुके थे। रविचंद्रन अश्विन 34 गेंदों पर आठ रन बनाकर उनका साथ दे रहे थे। दोनो ने सातवें विकेट के लिए 32 रन जोड़े थे।इस मैदान पर भारत 29 साल बाद बॉक्सिंग डे टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल रहा। इससे पहले 1985 में भारत ने मेजबान टीम को बराबरी पर रोका था। उससे पहले 1981 में भारत इस मैदान पर अंतिम बार जीता था। 1985 के बाद से भारत ने इस मैदान पर छह में से पांच मैच गंवाए हैं।भारत हालांकि बड़ी तेजी से लगातार छठी हार की ओर बढ़ा था। एक समय उसने महज 19 रनों पर तीन अहम विकेट गंवा दिए थे। शिखर धवन (0), लोकेश राहुल (1) और मुरली विजय (11) भारी भरकम लक्ष्य के आगे बेदम नजर आए। भारत के लिए अब जीत के लिए खेलना मुश्किल था, लिहाजा उसने अपना लक्ष्य ड्रॉ तक सीमित कर दिया।

तीन विकेट जल्दी-जल्दी गंवाने के बाद भारतीय टीम भारी दबाव में थी क्योंकि विकेट बचाए रखना काफी मुश्किल काम होता है लेकिन पहली पारी के हीरो उपकप्तान विराट कोहली (54 रन, 99 गेंद, सात चौके) तथा अजिंक्य रहाणे (48 रन, 117 गेंद, छह चौके) के अलावा चेतेश्वर पुजारा (21 रन, 70 गेंद, तीन चौके), अश्विन व धौनी ने टीम की जरूरत के मुताबिक विकेट पर टिके रहकर इस मैच को ड्रॉ तक पहुंचाया।इन चार बल्लेबाजों ने 359 गेंदों का सामना किया जबकि भारत के खाते में कुल 420 गेंदें थीं। 24 गेंद पहले मैच समाप्त कर दिया गया। कोहली और रहाणे एक बार फिर संकटमोचक बनकर सामने आए और चौथे विकेट के लिए 85 रनों की साझेदारी की।

इसी तरह रहाणे ने पुजारा के साथ 37 रन जोड़े। अपनी इस पारी के दौरान रहाणे ने 1000 टेस्ट रन पूरे किए। टेस्ट मैचों में 1000 रन किसी विशेषज्ञ बल्लेबाज के लिए मंजिल नहीं हो सकते। रहाणे जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी के लिए यह महज एक पड़ाव हो सकता है।रहाणे से पहले भारत के दो दर्जन बल्लेबाजों ने 1000 रनों का आंकड़ा पार किया है लेकिन जो बात रहाणे को खास बनाती है, वह यह है कि अपने करियर का 13वां टेस्ट खेल रहे रहाणे ने अपने 90 फीसदी रन विदेशी पिचों पर बनाए हैं।रहाणे ने भारत में अब तक सिर्फ एक टेस्ट खेला है। वह 13 मैचों की 26 पारियों में तीन शतक और छह अर्धशतक लगा चुके हैं। देश में रहाणे ने 2013 में दिल्ली में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट खेलना था और पहली पारी में एक तथा दूसरी पारी में सात रन बनाए थे।

आस्ट्रेलिया की ओर से दूसरी पारी में मिशेल जानसन, रायन हैरिस और जोस हाजेलवुड ने दो-दो विकेट लिए। इस मैच में शानदार हरफनमौला प्रदर्शन करने वाले हैरिस को मैन ऑफ द मैच चुना गया। चौथा और अंतिम टेस्ट मैच 6 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा।इससे पहले, आस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 9 विकेट पर 318 रन पर घोषित करते हुए भारत के सामने 384 रनों का लक्ष्य रखा। आस्ट्रेलियाई पारी की घोषणा के साथ ही भोजनकाल की घोषणा हुई थी।आस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 530 रन बनाए थे। भारत ने जवाब में अपनी पहली पारी में 465 रन जोड़े थे। इस तरह पहली पारी के आधार पर मेजबान टीम को 65 रनों की बढ़त मिली थी।

चौथे दिन का खेल खत्म होने तक मेजबान टीम ने सात विकेट पर 261 रन बनाए थे। शॉन मार्श 62 और रायन हैरिस आठ रनों पर नाबाद लौटे थे। हैरिस (21) ने मार्श के साथ 69 रनों की साझेदारी की, जो इस पारी में मेजबान टीम के लिए सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई।हैरिस का विकेट 303 रनों के कुल योग पर गिरा। उन्होंने 68 गेंदों का सामना किया। इसके बाद सबके ध्यान मार्श के शतक की ओर खिंच गया। मार्श काफी दृढ़ता के साथ उसकी ओर बढ़ रहे थे। 99 के निजी योग पर पहुंचकर वह थोड़ा असहज हुए और एक रन के माध्यम से शतक पूरा करना उन्हें महंगा पड़ गया।विराट कोहली ने सीधे थ्रो पर उन्हें रन आउट कर दिया। मार्श का विकेट 317 रन के कुल योग पर गिरा। मार्श ने 215 गेंदों का सामना कर 11 चौके और दो छक्के लगाए। नेथन लॉयन एक तथा जोस हाजेलवुड खाता खोले बगैर नाबाद रहे।

भारत की ओर से उमेश यादव, मोहम्मद समी, इशांत शर्मा और रविचंद्रन अश्विन ने दो-दो विकेट लिए। चौथे दिन भोजनकाल के बाद बारिश के कारण लगभग डेढ़ घंटे तक खेल बाधित हुआ था। इसे देखते हुए दिन में आधे घंटे देरी से खेल खत्म किया गया था और पांचवें दिन आधे घंटे पहले खेल शुरू करने का फैसला किया गया था। हालांकि ऐसा नहीं हो सका क्योंकि सुबह की बारिश के कारण मैदान गीला हो गया था।

खेल-कूद

फुटबॉल खेलते वक्त मैदान पर गिरी बिजली, एक प्लेयर की मौत, वीडियो वायरल

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नई दिल्ली। खेल के मैदान पर अभी तक आपने कई अलग-अलग तरह के हादसों में खिलाड़ियों की मौत के बारे में खबरें सुनी होंगी, लेकिन पेरू में 3 नवंबर रविवार को एक फुटबॉल मैच के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से दर्दनाक हादसा देखने को मिला जिसमें एक खिलाड़ी की मौके पर ही मौत हो गई। मैच के दौरान अचानक मौसम खराब होने की वजह से आकाशीय बिजली गिरी जिसकी चपेट में कई खिलाड़ी आ गए जिसमें से फुटबॉल प्लेयर जोस होगा डे ला क्रूज मेजा की मौत हो गई।

पेरू के हुआंकेओ शहर के चिलका में खेले जा रहे इस फुटबॉल मैच के पहले हॉफ के दौरान आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिला, जिसमें मौसम अचानक खराब होने की वजह से जब खेल को रेफरी ने रोकने का फैसला किया और उस समय सभी खिलाड़ी वापस अंदर जा रहे थे तो अचानक बिजली गिरी जिससे 39 साल के खिलाड़ी जोस होगो डे ला क्रूज मेजा की मौत हो गई। वहीं इस हादसे में गोलकीपर हुआन चोका भी काफी बुरी तरह से घायल हो गए। ये मैच वहां के 2 घरेलू फुटबॉल क्लब जुवेटड बेलाविस्टा और फैमिलिया चोका के बीच में खेला जा रहा था।

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