नेशनल
मैक्रोनी-पास्ता के अन्य ब्रांड की भी होगी जांच
नई दिल्ली। बाजार से मैगी वापस लेने के फैसले के बाद खाद्य सुरक्षा संस्था ने सोमवार को कहा कि वह न सिर्फ अन्य नूडल्स ब्रांड की जांच कराएगी, बल्कि मैक्रोनी और पास्ता जैसे ब्रांड की भी जांच कराएगी। संस्था ने यह भी कहा कि फिलहाल मैगी ब्रांड के एंबेसेडर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युद्धवीर सिंह मलिक ने बताया कि विदेशी और स्थानीय विनिर्माताओं के साथ समान व्यवहार किया जाएगा। इस सप्ताह पास्ता और मैक्रोनी जैसे अन्य नूडल ब्रांड की भी जांच शुरू की जाएगी। मलिक ने कहा, “फिलहाल, हम नेस्ले के मैगी नूडल से जुड़े ब्रांड एंबेसेडर के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करने पर विचार नहीं कर रहे।”
मैगी के कुछ नमूनों की जांच के बाद संगठन ने शुक्रवार को देशभर से मैगी की नौ किस्में वापस लेने और नेस्ले से मैगी का उत्पादन और निर्यात रोकने को कहा है। इसके साथ ही नेस्ले के ओट नूडल्स और टेस्टमेकर के लिए भी समान आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, नेस्ले अपने रुख पर अड़ा हुआ है कि उसके नूडल्स मनुष्य के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं और इसमें मौजूद शीशे की मात्रा दायरे में है। मलिक ने बाजार से मैगी वापस लेने की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार में जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “उपभोक्ताओं को खुदरा दुकानों पर यह उत्पाद वापस करना चाहिए और यदि उनके पास बिल है तो वह अपनी धनराशि भी वापस ले सकते हैं। यह नेस्ले की जिम्मेदारी है कि वह उपभोक्ताओं को उत्पाद वापस करने दे।” नियामक की वेबसाइट पर जल्द ही सभी अनुमोदित नूडल्स उत्पादों की सूची जारी करने की योजना है और उन्होंने राज्य प्रशासन से इसकी जांच करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु ने पहले ही अन्य ब्रांडों की जांच शुरू कर दी है। हम जल्द ही सभी अनुमोदित नूडल्स उत्पादों की सूची जारी करेंगे।”
नेशनल
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप
बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।
हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।
कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज
इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।
वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।
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