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प्रादेशिक

मोदी की नीति ‘मेक टू पूंजीपति’ : राजेंद्र

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भोपाल | देश में जलपुरुष के नाम से चर्चित राजेंद्र सिंह ने यहां मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है, मगर वह काम ‘मेक टू पूंजीपति’ का कर रहे हैं। वह देश के चंद लोगों को ताकतवर बनाना चाह रहे हैं और सारा ताना-बाना इसी के लिए बुन रहे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एकता परिषद के संस्थापक पी.वी. राजगोपाल की अगुवाई में चल रहे चार दिवसीय उपवास व धरना का समर्थन करने आए राजेंद्र सिंह ने मंगलवार को केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की।

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार विकास के नाम पर विस्थापन और विनाश का काम कर रही है। मोदी सरकार की विनाश की रफ्तार कांग्रेस के मुकाबले सौ गुना तेज है, किसानों की जमीन औद्योगिक घरानों को सौंपने के लिए भूमि अधिग्रहण कानून लाया जा रहा है, इस सरकार के दिल में सद्भावना को कोई स्थान नहीं है। वह बातचीत से समाधान निकालने पर भरोसा ही नहीं करती है। मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेंद्र सिंह स्टॉक होम वॉटर प्राइज के लिए भी नामांकित हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार लोकतंत्र को खत्म करने पर तुली है, आज इस देश में लोकतंत्र को ठेकेदार और औद्योगिक घराने चला रहे हैं। किसान और गरीब को बे-जमीन और बे-जीविका करने की मुहिम चली हुई है।

उन्होंने कहा, “अभी जमीन को छीनने के लिए कानून लाया जा रहा है, उसके बाद जल की बारी आएगी। बहुराष्ट्रीय कंपनियां पानी पर कब्जा करना चाहती हैं, वे हमारा ही पानी हमें बोतलों में पैककर देने की तैयारी में हैं।” जलपुरुष ने तमाम गैर सरकारी संगठनों का आह्वान किया कि वे अपनी पहचान और अभियान को किनारे कर एकजुट हों और सरकार के खिलाफ सीधा मोर्चा खोलें, अब समय आंदोलन को लंबे रास्तों पर चलाने का नहीं रहा। एकजुट होकर छोटे रास्ते से ही सरकार को घेरना होगा।’जल जन जोड़ो’ अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून को किसानों और गरीबों के लिए काला कानून करार दिया। उन्होंने कहा कि कानून हमेशा गरीबों को लूटने के लिए बनाए जाते हैं, आज जरूरत है कि किसान मिलकर लड़ें।

किसान नेता शिवकुमार शर्मा ने सरकारों की नीयत पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किसान को न तो अपनी फसल का पूरा दाम मिल रहा है, राज्य सरकार ने बोनस तक बंद कर दिया है। सरकारें अपने को किसान हितैषी होने का दावा करती हैं, मगर हकीकत कुछ और ही है। राजधानी के नीलम पार्क में एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल चार दिन के उपवास पर बैठे हैं। मंगलवार को उपवास का तीसरा दिन था। राज्य में जनजातीय वर्ग को जमीन का पट्टा न दिए जाने, सीलिंग कानून को खत्म करने और जमीन संबंधी प्रकरणों का निपटारा न होने के विरोध में एकता परिषद चार दिवसीय धरना दे रही है।

 

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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