Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

एचआईवी पीडि़त से भेदभाव पर दो साल की सजा और जुर्माना

Published

on

Loading

HIVनई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक, 2014 के संशोधनों को मंजूरी दे दी।
इसके तहत एचआईवी/एड्स के मरीजों के साथ भेदभाव करना और उन्हें बुनियादी अधिकारों से वंचित करना महंगा पड़ सकता है। एचआईवी संक्रमितों के साथ भेदभाव करने पर तीन महीने से लेकर दो साल तक की सजा का प्रावधान भी किया जा रहा है। आरोपी पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है।

एचआईवी से पीडि़त लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए इसका मसौदा तैयार किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक बैठक में यह मंजूरी दी गई। विधेयक के प्रावधानों में एचआईवी संबंधी भेदभाव से निपटना, कानूनी जवाबदेही के जरिए मौजूदा कार्यक्रमों को मजबूत बनाना और शिकायतों की जांच और शिकायतों के निवारण के लिए औपचारिक तंत्र स्थापित करना शामिल है।

प्रस्तावित कानून का लक्ष्य एचआईवी और एड्स के प्रसार को रोकना और नियंत्रित करना, प्रभावित लोगों के खिलाफ भेदभाव रोकना, उनके इलाज से संबंधित सूचित सहमति और गोपनीयता प्रदान करना, एचआईवी से पीडि़त व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिष्ठानों को जवाबदेह बनाना और शिकायतों के निवारण के लिए तंत्र विकसित करना है।

यह रोजगार स्थलों, शैक्षिक संस्थानों, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, आवासीय या किराए की संपत्ति और अन्य आधारों को सूचीबद्ध करता है, जिन पर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों और उनके साथ रहने वाले लोगों के खिलाफ भेदभाव प्रतिबंधित है। प्रस्तावित कानून में कानून के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों की जांच के लिए और गैर अनुपालन की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई के लिए राज्य सरकारों द्वारा एक लोकपाल की नियुक्ति का भी प्रावधान है।

विधेयक के अनुसार किसी भी व्यक्ति को अपनी सहमति और अदालती आदेश के अलावा खुद को एचआईवी होने का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में करीब 21 लाख लोग एचआईवी पीडि़त हैं।

Continue Reading

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending