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प्रादेशिक

मोदी गुफ्तार-ए-गाजी : हसनी

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पटना| ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव अल्लामा बुनई हसनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुफ्तार-ए-गाजी (बोलने में माहिर) हैं। अगर प्रधानमंत्री अपने काम के भी गाजी हो जाएं तो भारत शांति का केंद्र और समृद्ध देश हो जाएगा, मगर ऐसा लगता नहीं।

मतदाताओं को जागरूक करने की मुहिम की शुरुआत करने पटना पहुंचे हसनी ने आईएएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि उलमा बोर्ड का मानना है कि किसी भी चुनाव में कम से कम 80 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें, तभी सही जनादेश प्राप्त हो सकता है।

उन्होंने कहा कि बिहार में मत प्रतिशत बढ़ाने को लेकर बोर्ड द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

यह पूछे जाने पर कि उलमा बोर्ड किस पार्टी को समर्थन देगा, उन्होंने कहा कि अभी बोर्ड ने इस पर विचार नहीं किया है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) महागठबंधन के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “महागठबंधन एक फरेब है। यह अपने-अपने स्वार्थ को लेकर किया गया है। धर्मनिरपेक्षता का झंडा उठाने वाले अगर दागी हैं, तो ऐसे नेता से तरक्की और अमन की उम्मीद बेमानी है।”

उन्होंने कहा, “उलमा बोर्ड शांति और शिक्षा के विकास की सोच रखने वाले उम्मीदवार को समर्थन करेगी।”

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बिहार की राजनीति में प्रवेश के विषय में पूछे जाने पर हसनी ने कहा, “ओवैसी जिन्ना के अनुयायी हैं। भारत में जिन्ना के अनुयायियों की जरूरत नहीं है। भारत की राजनीति में इमाम-ए-हिंद मौलाना अबुल कलाम आजाद व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुयायियों की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “भारत के मुसलमान ओवैसी और उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खां जैसे नेताओं को स्वीकार नहीं करती।”

हसनी ने बिहार को महात्मा बुद्ध, महावीर और मखदूम मुनीर की धरती बताते हुए कहा कि बिहार का विकास अब तक सही तरीके से नहीं हो पाया है। बिहार आज भी कई अन्य राज्यों से पिछड़ा है।

उन्होंने बिहार में मुस्लिम परिवारों की दयनीय हालत की चर्चा करते हुए कहा कि यहां के मुसलमानों को अब तक सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया गया।

हसनी ने यह भी कहा कि चुनाव के समय तो नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव गुजर जाने के बाद भूल जाते हैं। इसलिए मतदाताओं को अब वोट मांगने वाले नेताओं से पिछले पांच वर्षो का हिसाब मांगना चाहिए, तभी नेता विकास के लिए कुछ सोचेंगे, वरना अपनी जेब भरने में लगे रहेंगे।

 

IANS News

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की तारीफ

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान वीरवार को मोहाली के डेराबस्सी के मुबारिकपुर में आयोजित जैन भगवती दीक्षा महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे थे। यह कार्यक्रम जैन समुदाय की तरफ से आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार महान गुरुओं, संतों, ऋषियों, पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए जनता के कल्याण और राज्य के विकास के लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं।

मुख्यमंत्री ने पंजाब के राज्यपाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पंजाब के गर्वनर गुलाब चंद कटारिया ने जब से प्रदेश के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक का कार्यभार संभाला है, तब से प्रदेश में बहुत अच्छी तरह से सरकार चल रही है और चंडीगढ़ प्रशासन भी चल रहा है। राज्यपाल काफी तजुर्बे वाले इंसान हैं। इसलिए वह ‘ मेकर भी हैं और उनके पास बहुत अनुभव है। क्योंकि राज्यपाल महोदय केंद्र में मंत्री रहे हैं, राजस्थान की राजनीति में उनका लंबा अनुभव है, एमपी और एमएलए भी रहे हैं। सीएम मान ने कहा कि राज्यपाल के तजुर्बे का मुझे भी फायदा मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह विभिन्न प्रकार के फूलों की विविधता आंखों को सुखद अनुभव देती है, उसी तरह हर समाज में हर धर्म का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार इस महान उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में सामुदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

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