उत्तराखंड
मोदी ने केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की, जय केदार का उद्घोष किया
देहरादून | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हिमालय के प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर के कपाट अगले 6 महीने तक बंद होने से पहले भगवान शिव के दर्शन किए। मोदी की इस साल प्रसिद्ध मंदिर की यह दूसरी यात्रा है। इस मौके पर मोदी के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और राज्य एवं केंद्र सरकार के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इस अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा केदार के जयकार लगाते हुए कहा कि गुजरात में नए साल का शुभारंभ होता है। उन्होंने नए साल की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने नूतन वर्ष की शुभकामनाएं दी। प्रसिद्ध भगवान शिव मंदिर के पुजारियों और स्थानीय लोगों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मंदिर को पीले फूलों से सजाया गया था।
दीपावली के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री मंदिर के गर्भगृह में बैठे और पुजारियों के साथ प्रार्थना की और भगवान शिव का रूद्राभिषेक किया।
मोदी यहां एक नई ‘केदारपुरी’ की नींव भी रखेंगे। जो साल 2013 में आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद तबाह हो गई थी। इस आपदा में हजारों लोगों की मौत हुई थी।
जून 2013 में चोरबाड़ी ग्लेशियर झील में भारी बारिश के कारण मंदाकिनी नदी में बाढ़ आ गई थी, जिससे मंदिर के आस-पास का क्षेत्र तबाह हो गया था। इस आपदा में मंदिर को भी नुकसान पहुंचा था।
मोदी, आदि शंकराचार्य की ‘समाधि स्थान’ के पुर्ननिर्माण और एक संग्रहालय के निर्माण की नींव रखेंगे। मोदी द्वारा मंदिर परिसर में एक सभा को संबोधित किए जाने की संभावना है।
मोदी ने 3 मई को मंदिर का दौरा किया था।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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