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मोदी ने हिंद-प्रशांत में सुरक्षित नौवहन पर दिया जोर

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मनीला, 14 नवंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के साथ चारपक्षीय समूह बनने की सुगबुगाहट के बीच मंगलवार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित और मुक्त नौवहन और कानून के शासन व अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता का जोरदार समर्थन किया।

उन्होंने भारत-आसियान और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलनों से अलग क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए आतंकवाद की समस्या से निपटने की बात कही।

उन्होंने इस मुद्दे पर भारत और आसियान समूह के देशों को एक साथ आने का आह्वान किया।

मोदी ने जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के नेताओं के साथ कई सारी बैठकें की, और इस दौरान मुक्त नौवहन के भारत के रुख को स्पष्ट किया गया।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति सरन ने नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बैठकों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते समय कहा, हमारे प्रधानमंत्री ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित और मुक्त नौवहन के महत्व को रेखांकित किया और कानून के शासन और अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के अनुपालन तथा समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र के संकल्प का सम्मान करने का आह्वान किया।

भारत, अमेरिका और जापान चाहते हैं कि चीन को रोकने के लिए आस्ट्रेलिया चारपक्षीय पहल का हिस्सा बने। इन चारों देशों के अधिकारियों ने रविवार को यहां मुलाकात की थी, जबकि औपचारिक शिखर बैठक नहीं शुरू हुई थी।

मोदी ने रविवार को जिन नेताओं से मुलाकात की, उनमें जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे और आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल शामिल थे।

टर्नबुल के साथ मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, आप से मिलकर अच्छा लगा। आज की हमारी बातचीत से भारत और आस्ट्रेलिया की दोस्ती में नई ऊर्जा जुड़ी है।

मोदी ने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति आसियान के इर्दगिर्द बनाई गई है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना में इसकी प्रमुखता स्पष्ट है।

मोदी ने 15वें भारत-आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठन) सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, हम लोगों ने अलग-अलग रूप से आतंकवाद व हिंसक उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए बहुत मेहनत की है। यह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साथ मिलकर लड़ने के लिए सहयोग बढ़ाने का समय है।

प्रधानमंत्री ने कहा, इस ऐतिहासिक समय में मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि आसियान के सदस्य देश एक लक्ष्य, एक दृष्टिकोण, एक पहचान और एक स्वतंत्र समुदाय को लेकर साथ काम करने को सहमत होंगे।

उन्होंने कहा, तीसरी आसियान-भारत कार्ययोजना के तहत हमारे सहयोग के विस्तृत एजेंडे में काफी प्रगति हुई है। इसके अंतर्गत तीन मुख्य स्तंभ राजनीतिक-सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक साझेदारी आते हैं।

मोदी ने कहा, दोनों देशों के बीच हजारों वर्ष पहले भारत व आसियान देशों के बीच समुद्री सहयोग स्थापित हुआ था और आसियान देशों के साथ हमारे व्यापार संबंध विकसित हुए थे। हमें संबंधों को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम करना होगा।

मोदी ने आसियान देशों को नियम आधारित क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना प्राप्त करने में सहयोग के लिए आश्वस्त किया।

पूर्व एशिया सम्मेलन के आधार पर, चार दस्तावेज जारी किए गए, जिनमें आतंकवाद की विचारधारा के विरुद्ध लड़ाई, धन शोधन व आतंकवाद वित्तपोषण पर आतंकवादी कथनों और प्रचार पर रोक, गरीबी और रासायनिक हथियारों के उन्मूलन पर सहयोग शामिल है।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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