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उत्तराखंड

मोदी रखेंगे आज चार धाम राजमार्ग की आधारशिला

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मोदी रखेंगे चार धाम राजमार्ग परियोजना की आधारशिला

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उत्तराखंड में चार धाम राजमार्ग परियोजना की आधारशिला रखेंगे। चार धाम राजमार्ग परियोजना की आधारशिला , मोदी रखेंगे  चार धाम राजमार्ग परियोजना की आधारशिला

मोदी ने ट्वीट कर कहा, “प्रमुख बुनियादी परियोजना चार धाम राजमार्ग विकास कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए आज (मंगलवार) देवभूमि उत्तराखंड के दौरे पर जाऊंगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “चार धाम राजमार्ग परियोजना के तहत 900 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कें बनेंगी। इस परियोजना के जरिए संपर्क और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा।”

मोदी ने कहा, “बायपास, सुरंगों, पुलों और फ्लाईओवर्स के निर्माण से यात्रा सुविधाजनक होगी। ढलान के सही प्रकार से स्थिरीकरण से भूस्खलनों से सुरक्षा मिलेगी।”

प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि वह अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान देहरादून में एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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