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बिजनेस

मोदी सरकार को आज मिल सकती है एक और गुड न्यूज

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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर शुक्रवार को एक और अच्छी खबर आ सकती है। मूडीज के बाद रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) भारत की सोवरिन रेटिंग जारी करेगी। अगर रेटिंग में सुधार होता है तो दो हफ्तों में यह दूसरा मौका होगा।

मूडीज की रेटिंग सुधारने के बाद एसएंडपी का ऐसा करना भारत की अर्थव्यवस्था के लिए काफी सकारात्मक हो सकता है। 14 साल बाद मूडीज ने भारत की रेटिंग में इजाफा किया था, ऐसे में लोगों को एसएंडपी से भी कुछ ऐसी ही उम्मीद है।

अगर रेटिंग सुधरती है तो विदेशी निवेशकों का भारत पर विश्वास और बढ़ेगा और विदेशी निवेशक खुलकर निवेश कर सकेंगे। घरेलू निवेशक भी पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे, रुपया और मजबूत हो जाएगा। नोटबंदी, जीएसटी जैसे बड़े फैसले पर मुहर लग जाएगी।

एस एंड पी में रेटिंग में अगर कोई बदलाव नहीं होता है सिर्फ स्थिर से सकारात्मक कर दिया तो भी ये अच्छी खबर है। इसके मुताबिक भारत की रेटिंग अगली समीक्षा में बढ़ सकती है। बदलाव का मतलब सुधार कार्यक्रम की रफ्तार ठीक है लेकिन उसे और तेज करने की जरूरत है।

किसी देश के लिए क्या है रेटिंग के मायने
इसमें किसी भी देश पर कर्ज और उसे चुकाने की क्षमता को ध्यान में रखा जाता है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी देश में आर्थिक सुधारों और उसके भविष्य के प्रभाव को भी ध्यान में रखता है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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