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मोदी सरकार ने किया वन रैंक वन पेंशन का ऐलान

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नई दिल्ली। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना लागू करने का फैसला कर लिया है। पेंशन में प्रत्येक पांच वर्ष पर संशोधन किया जाएगा और योजना पहली जुलाई, 2014 से प्रभावी होगी।

पर्रिकर ने कहा कि इस बहुप्रतिक्षित योजना की बकाया राशि का भुगतान चार छमाही किश्तों में किया जाएगा। इसकी पहली किश्त सैनिकों की विधवाओं को दी जाएगी। उन्होंने कहा, “ओआरओपी को कैलेंडर वर्ष 2013 के आधार पर तय किया जाएगा। समान रैंक और समान सेवाकाल वाले सभी पेंशनभोगी पूर्वसैनिकों के लिए 2013 के न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से पेंशन तय किया जाएगा।”

पर्रिकर ने यह भी कहा कि पिछली सरकार ने ओआरओपी के लिए 500 करोड़ रुपये अलग किए थे, लेकिन यह राशि गहन विश्लेषण पर आधारित नहीं थी। रक्षामंत्री ने कहा कि अब विशेषज्ञों ने इस योजना के लिए आठ से 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया है और कहा जा रहा है कि यह और भी बढ़ेगा। अकेले बकाए के भुगतान पर ही लगभग 10 हजार करोड़ से 12 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन जो लोग औसत से अधिक पेंशन पा रहे हैं, उनकी हिफाजत की जाएगी।

मंत्री ने यह भी कहा कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले पूर्वसैनिकों को ओआरओपी योजना की सुविधा नहीं मिलेगी। इस योजना के लागू होने से 25 लाख से अधिक पूर्वसैनिकों को लाभ मिलेगा। ओआरओपी योजना लागू करने की मांग को लेकर पूर्वसैनिक पिछले तीन महीनों से जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे।

सरकार का यह फैसला आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आया है। इसके पहले इस बात की अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने संबोधन के दौरान ओआरओपी योजना की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा था कि यह योजना सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर ली गई है।

पर्रिकर ने ओआरओपी के क्रियान्वयन की घोषणा शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में की। इसमें सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के. धोवन, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा तथा रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार शामिल थे। पर्रिकर ने कहा कि ओआरओपी मुद्दा चार दशकों से लंबित था और यह बड़े दुख की बात थी। उन्होंने कहा कि इसे लागू किए जाने में तकनीकी और वित्तीय समस्याएं थीं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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