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मोदी सरकार ने वित्तीय समझदारी छोड़ दी है : चिदंबरम

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नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर वित्तीय समझदारी का परित्याग व राजकोषीय घाटे की स्थिति को बिगाड़ने का आरोप लगाया।

उन्होंने सवाल किया कि दो करोड़ सालाना नौकरियां देने का दावा करने वाली सरकार ने पिछले चार साल में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के मानकों के अनुसार कितने लोगों को रोजगार दिया है? राज्यसभा में सत्तपक्ष द्वारा किए जा रहे शोरगुल के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सरकार से 12 सवाल किए।

उन्होंने पूछा, आम बजट 2018-19 में राजकोषीय घाटा वित्तवर्ष 2017-18 के 3.2 फीसदी के मुकाबले 3.5 के खराब स्तर बताई गई है। चालू खाते का घाटा 2017-18 और 2018-19 में क्या है?

उन्होंने वित्तवर्ष 2017-18 और 2018-19 का औसत थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) भी जानना चाहा।

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि वर्ष 2017-18 में कुल व्यय में तो 71,000 करोड़ की वृद्धि हुई, लेकिन राजस्व व्यय में 1,07,371 करोड़ रुपये का इजाफा हो गया।

चिदंबरम ने पूछा, क्या यह सरकार के अपव्यय का सूचक नहीं है, जिसमें वित्तीय समझदारी का परित्याग किया गया है?

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, सत्ता में आने से पहले आपने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। आईएलओ के अनुसार सही मायने में नौकरी ऐसा रोजगार

हे जिसमें निश्चिता, नियमितता और सुरक्षा हो। आपने नौकरी की क्या परिभाषा गढ़ी है? आईएलओ के मानकों के मुताबिक आपकी चार साल की सरकार में कितनी नौकरियां पैदा हुईं?

उन्होंने यह भी जानने की इच्छा जताई कि कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने से भारत के बजट आकलन पर क्या असर होगा।

चिदंबरम ने पूछा, मान लीजिए, कच्चे तेल की कीमत बढ़कर 70 या 75 डॉलर प्रति बैरल हो जाती है तो इससे बजट आकलन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, खासतौर से घाटे पर? क्या आप पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाएंगे या पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करेंगे?

उन्होंने कहा, सरकार वित्त वर्ष 2017-18 में 48,000 करोड़ रुपये उधारी लेगी और इसमें ओएनजीसी की 37,000 करोड़ रुपये की उधारी भी जुड़ जाएगी, जो सरकार के नाम पर ली गई है। यह 85,000 करोड़ रुपये की रकम कहां जाएगी?

उन्होंने आगे सवाल उठाते हुए कहा, वित्तवर्ष 2017-18 में पूंजीगत व्यय 3,09,801 करोड़ रुपये का था, जिसे संशोधन के बाद 36,000 करोड़ घटाकर 2,73,445 करोड़ रुपये कर दिया गया। इससे किन स्कीमों व योजनाओं पर असर पड़ा?

उन्होंने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में मौद्रिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर 11.5 फीसदी रहने का आकलन किया है, लेकिन क्या अतिरिक्त एक फीसदी ऊंची महंगाई दर या उच्च विकास दर के कारण थी।

उन्होंने सरकार से पूछा, वित्तवर्ष 2018-19 में आपका वास्तविक जीडीपी विकास का आकलन क्या है? क्या ब्याज दर सभी ऋण पत्रों से ज्यादा हो जाएगी और क्या व्याज दरों में बढ़ोतरी मंहगाई बढ़ाने में सहायक होगी?

पिछले साल एक जुलाई से लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर चिदंबरम ने सवाल किया कि क्या वर्ष 2017-18 में जीएसटी से राजस्व संग्रह का 4,44,631 करोड़ रुपये का अनुमान पिछले आठ महीने का है या नौ महीने का या 11 महीने का।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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