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मोदी सरकार साइबर क्राइम को लेकर गंभीर नहीं : प्रियंका चतुर्वेदी

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मुंबई, 5 जुलाई (आईएएनएस)| माना जा रहा है कि तीसरा विश्वयुद्ध जमीन पर नहीं, बल्कि साइबर स्पेस में लड़ा जाएगा और ऐसा होने के आसार नजर भी आ रहे हैं।

सोशल मीडिया से फैली अफवाहों के शिकार अब आम आदमी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय पार्टियों से जुड़े लोग भी हो रहे हैं। सुषमा स्वराज और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी के साथ हुई ‘साइबर बुलिंग’ इसके उदाहरण हैं।

प्रियंका तो मानती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों की चुप्पी ट्रोलरों को बढ़ावा दे रही है, उनके हौसले बढ़ा रही है।

ट्विटर पर कथित राष्ट्रवादी हिंदू ट्रोलर ने प्रियंका की बेटी को लेकर अभद्र टिप्पणी की, जिस पर प्रियंका ने आईएएनएस से कहा, हमने मुंबई पुलिस के बाद दिल्ली पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस को पूरा ब्योरा सौंपा गया है। पुलिस इस शख्स को ट्रेस कर रही है। हमें केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी आश्वासन दिया गया है कि ट्रोलर की पहचान होने पर सख्त कार्रवाई होगी। मैं कानूनी प्रक्रिया फॉलो कर रही हूं।

अगर वेरिफाइड अकाउंट हो तो ट्रोलिंग पर लगाम लगेगी? इस सवाल पर प्रियंका कहती हैं, मुझे नहीं लगता कि इससे कुछ फायदा होगा, क्योंकि ट्रोलिंग अमूमन ‘अनोनिमस’ अकाउंट से ही ज्यादा होती है। ये लोग अपनी पहचान छिपाकर ट्रोल करते हैं। साल 2016 में राजीव अग्रवाल नाम के ट्विटर हैंडल से मुझे धमकी दी गई थी कि तुम्हारे साथ निर्भया जैसा हाल होना चाहिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इन लोगों के मन में भय नहीं है। इन लोगों को जब तक सख्त सजा नहीं मिलेगी, तब तक ये इस तरह के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करते रहेंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता कहती हैं, हैरत की बात यह है कि पीएमओ और मोदी भी इस तरह के ट्रोलर्स को फॉलो करते हैं। ट्रोलिंग पर त्वरित कार्रवाई की जरूरत है। अब समय आ गया है कि ट्विटर भी अपनी जिम्मेदारी ले। ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरा विश्वयुद्ध साइबर स्पेस में लड़ा जाएगा। आज देखिए, ऑनलाइन ही महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है। सरकार को ऐसी नीति बनाने की जरूरत है कि लोग खुद को सुरक्षित महसूस करें।

केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुछ समय पहले ‘हैशटैग आईएमट्रोल्ड’ हेल्पलाइन शुरू की थी, जिसका मकसद महिलाओं के खिलाफ ट्रोलिंग पर एक्शन लेना था, लेकिन यह पहल क्या कारगर हो पाई है? इस पर प्रियंका कहती हैं, हमने भी ‘हैशटैग आईएमट्रोल्ड’ पर शिकायतें भेजी थीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस तरह की नीतियां ध्यान भटकाने के लिए ही बनाई जाती हैं। इन ट्रोलर्स को बड़े-बड़े नेताओं का संरक्षण मिलता है और यही कारण है कि इस तरह की योजनाएं सफल नहीं हो पातीं, क्योंकि जब प्रधान सेवक ही इन ट्रोलर्स के हौसले बढ़ा रहे हैं तो इन पर लगाम कहां से लगेगी।

वह कहती हैं, सुषमा स्वराज की ट्रोलिंग करने वाले ट्विटर हैंडल को भाजपा के 41 मंत्री फॉलो करते हैं। मोदी खुद भी इनमें से कई ट्रोलर्स को फॉलो कर रहे हैं। मोदी क्यों नहीं कहते हैं कि कोई भी शख्स यदि सोशल मीडिया का दुरुपयोग करेगा तो उसे सख्त सजा दी जाएगी। इस तरह की घटिया हरकतों के बाद भी न मोदी इन ट्रोलर्स को अनफॉलो करते हैं और न ही उनका कोई मंत्री।

लेकिन भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा सरकार का बचाव करते हुए कहती हैं, मोदी सरकार ट्रोलिंग को लेकर गंभीर है, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। बेनाम चेहरे के पीछे छिपे शख्स को आप तब तक सजा नहीं दे सकते, जब तक उसकी पहचान न हो जाए। पहचान उजागर होने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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