Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

मोबाइल गवर्नेस को महत्व देना होगा: मोदी

Published

on

Loading

नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘ई-गवर्नेस’ को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए देश को सबसे पहले मोबाइल के बारे में सोचना होगा और सरकार को पहले ‘मोबाइल गवर्नेस’ को महत्व देना होगा। मोदी ने एक नई पहल करते हुए ट्विटर के जरिए 18वें नेशनल कांफ्रेंस ऑन ई-गवर्नेस को संबोधित किया और कहा, “मैं आपसे मोबाइल के जरिए अधिक से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराने के तरीके तलाशने की अपील करता हूं। आइए, हम अपने मोबाइल फोन पर दुनिया को ले आएं।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “जब हम ‘ई-गवर्नेस’ की तरफ देखते हैं, तब हमें मोबाइल के बारे में पहले सोचना चाहिए और फिर ‘मोबाइल गवर्नेस’ को महत्व देना चाहिए।” मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार, सेना, अकादमिक, उद्योग और निजी क्षेत्रों के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ सम्मेलन किए जा रहे हैं, जबकि इस साल का थीम डिजिटल गवर्नेस, कौशल विकास और रोजगार की क्षमता पर आधारित है।

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञानवर्धक अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण के साथ डिजिटल भारत के सपने साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में शिरकत करना चाहते थे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया, इसलिए उन्होंने ट्विटर का सहारा लिया।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “मुझे लगा कि उपस्थित न होने के बावजूद मैं किस प्रकार आपसे जुड़ सकता हूं। इसलिए मैंने इस माध्यम के जरिए आपसे बात करने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का फैसला किया है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की युवा ऊर्जा को सिर्फ कौशल विकास और प्रौद्योगिकी के जरिए ही गति दी जा सकती है।

उन्होंने कहा, “देश में मौजूद युवाओं से भरी ऊर्जा, हमें पुरस्कार में मिली पूंजी है। प्रौद्योगिकी के जरिए कौशल विकास को गति देना महत्वपूर्ण है। जिस मानक और तेजी से हम भारत को विकास की यात्रा पर ले जा सकते हैं, उसके लिए नई प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक और बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से इस्तेमाल की जरूरत है।”

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

Continue Reading

Trending