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बिजनेस

मोबाइल नंबर से आधार लिंक करना होगा जरूरी, अपनाएं यह प्रोसेस

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मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, लिंक, एयरटेल, आइडिया

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मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक करवाना जरूरी होगा। ऐसा न किए जाने पर  नंबर बंद कर दिया जाएगा। टेलीकॉम ऑपरेटर एयरटेल और आइडिया ने अपने कस्टमरों को इस बाबत मैसेज भेजने शुरू कर दिए हैं। बता दें कि दो महीने पहले ‘टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ नए सिम कार्ड के लिए आधार कार्ड जरूरी कर चुकी है।

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मार्च में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) ने मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को पोस्टपेड और प्रीपेड कस्टमर्स की e-KYC का वेरिफिकेशन पूरा करने का आदेश दिया था। सरकार ने इसके लिए 6 फरवरी, 2018 तक की डेडलाइन दी है।

हालांकि, यह साफ नहीं है कि तय तारीख के बाद अन्वेरिफाइड नंबर बंद कर दिए जाएंगे या नहीं। लेकिन, एयरटेल के रिटेल स्टोरों पर कस्टमर के लिए विज्ञापन लगाए गए हैं, जिन पर लिखा है, “एक्टिव रहने के लिए अपने नंबर से आधार कार्ड लिंक करवाएं। ”

अगर आपके मोबाइल पर भी आधार कार्ड लिंक करवाने का मैसेज आता है तब ये सब करें..

– ऑपरेटर की ओर से एसएमएस मिलते ही अपना आधार कार्ड लेकर नजदीक के रिटेल स्टोर पर ले जाएं।
– स्टोर में मौजूद एग्जीक्यूटिव या डेस्क पर अपना मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का ब्‍योरा दें।
– स्टोर एग्जीक्यूटिव आपके मोबाइल पर एक वेरिफिकेशन कोड भेजेगा. जिसे एग्जीक्यूटिव को बताकर कन्फर्म करना होगा।
– इसके बाद आपका फिंगरफ्रिंट वेरिफिकेशन करवाया जाएगा।
– 24 घंटे के अंदर आपके मोबाइल पर फाइनल वेरिफिकेशन कोड आएगा, आपको इस मैसेज का जवाब Y में देना होगा।
– इस प्रकार आपका मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक हो जाएगा।

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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