मनोरंजन
मोहम्मद रफ़ी की लाइफोग्राफी के साथ शुरू हुआ फिल्म फेस्टिवल
4जी शान-ए-अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की औपचारिक शुरूआत
लखनऊ चौथे शान-ए-अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2016 का उदघाटन इतिहासकार डॉ योगेश प्रवीण और नवाब जाफ़र मीर, दिनेश सहगल, फिल्म बंधु उत्तर प्रदेश, पृथ्वीराज चौहान, निदेशक, आकाशवणी, विनोद मिश्रा अध्यक्ष, यूपी कलाकर एसोसिएशन की उपस्थिति में हुआ. इस मौके पर सभी ने फेस्टिवल के लगातार होते रहने और इस तरह के प्रयास की सराहना की और अवध आर्ट सोसाइटी को आगे भी समर्थन और सहयोग देने के लिए शहर से अपील भी की.
बाद में हर दिल अज़ीज गायक मोहम्मद रफ़ी पर बनी लाइफओग्राफी का प्रदर्शन हुआ जिसमें ए लखनऊ के लोग मोहम्मद रफ़ी के तमाम गीतों और उनकी जीवन यात्रा तथा, तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे, ए दिल है मुश्किल जीना यहाँ, ज़िन्दाबाद- जिन्दाबाद ए मोहब्बत ज़िन्दाबाद सरीखे गीतों एवं उनके जीवनी दास्तान-ए-रफ़ी जिसमें रफ़ी के वो अनछुए किस्से जो आजतक कभी सिल्वर स्क्रीन पर नहीं आए, उनका संघर्ष और साधारण रफ़ी से महान और मशहूर मोहम्मद रफ़ी बनने की दास्ताँ थी.
दो दिनों तक चलेगा यह फिल्मी मेला
मोह्म्मद रफ़ी पर बनी जीवनी के बाद फेस्टिवल में आदित्य खन्ना की काऊ मैनश् (जाति प्रथा पर अधारित) संदीप राना की औज़ार (सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर बेस्ड) और उत्तर प्रदेश के रिशव अग्रवाल की द इन्टरनेट अफेयर दिखायी गयी, उसके बाद भु माफियाओं पर बनी नटराज महार्शी की 1973 एन अनटोल्ड स्टोरी, एसिड अटैक पर बनी बर्न और बनारस के फ़िल्मकार आशुतोष सिंह की फेसबुक और प्रदेश की 2 और फिल्में वारी, मेमोरीज ऑफ़ नाईट पहले दिन प्रदर्शित हुयी.
फेस्टिवल डायरेक्टर अश्वनी सिंह एवं प्रोग्राम डायरेक्टर हफीज़ किद्वई ने फेस्टिवल के उदघाटन के मौके पर सभी फिल्म्कारों को बधाई दी और प्रदेश के युवाओं को इस तरह के आयोजन में शामिल होने की गुजारिश कीए और रफ़ी पर इन दिनों मचे बवाल पर करण जोहर को सार्वजनिक रूप से माफ़ी की मांग का प्रोत्साहन कियाए और रफ़ी के संघर्ष को और उनके योगदान को एक बार फिर याद दिलाया.
कल होने वाले कार्यक्रम में देश विदेश की फिल्मों के प्रदर्शन के साथ वरिष्ठ फिल्मकार कुंदन शाह (जाने भी दो यारों, क्या कह्ना, दिल है तुम्हारा, टीवी सीरियल नुक्कड़ इत्यादी) फिल्म एडिटर असीम सिन्हा (मम्मो, ज़ुबेदा, वेलकम टू सज्जनपुर, चलो दिल्ली, मोहल्ला अस्सी इत्यादी) सीनियर फिल्म क्रिटिक्स अजय ब्रह्मात्मज शामिल होंगे.
कल फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली फिल्में
डायलमा, टाईटन, नोकेबो, आउट ऑफ़ रीच, आइरनी, अमृता और मैं, कालीचाट, स्याही, टुनाइट इस द नाईट, जुका व्लास्ट, कारीबदरा, मिशेला, लीला, हेवन किड, यू आर वाचिंग अ मूवी, द एज
स्थान- भारतेंदु नाट्य अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ, समय- 11 बजे से शाम 5 बजे तक
उत्तर प्रदेश
डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।
प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू
अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।
8 करोड़ की भव्य परियोजना
अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।
विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।
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