प्रादेशिक
मौजूदा विकास नीति किसानों को भिखारी बनाएगी : राजगोपाल
भोपाल | एकता परिषद के संस्थापक गांधीवादी पी. वी. राजगोपाल ने कहा है कि वर्तमान सरकार की विकास नीति गांव के किसानों को भूमिहीन बनाकर शहरों का भिखारी बनाने वाली हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चार दिवसीय उपवास व धरने का समापन करते हुए राजगोपाल बुधवार को राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। राजगोपाल ने कहा, “सरकारों के इस विकास का विरोध करना है, जिसमें भूस्वामी को भूमिहीन बनाया जा रहा है और भूमिहीनों को भूमि नहीं दी जा रही है। आज देश के 99 हजार गांव नक्शे से गायब हो गए हैं। हम विकास की ऐसी अवधारणा को चुनौती दे रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि लोगों को उनकी आजीविका से बेदखल नहीं किया जाए।”
उन्होंने कहा कि लोगों को जंगल एवं जमीन पर अधिकार दिया जाए। पूंजीपतियों के पक्ष में बनाए जा रहे कानूनों को खत्म कर किसान एवं वंचित समुदाय को अधिकार दिलाने वाले कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए और इनके लिए नए कानून बनाए जाएं। एकता परिषद द्वारा पिछले चार दिन से चल रहा उपवास एवं धरना बुधवार को नीलम पार्क में आयोजित आमसभा के साथ खत्म हो गया। धरने को देश भर से राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला।राज्यस्तरीय उपवास एवं धरने के समर्थन में प्रदेश के 37 जिलों में किसान एवं आदिवासी धरने पर बैठे थे, जो भूमि संबंधी और वन अधिकार संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपे। उपवास व धरना खत्म होने से पहले शहाजहांनी पार्क से रैली निकाली गई जो नीलम पार्क पहुंची। एकता परिषद के अध्यक्ष रनसिंह परमार ने कहा कि गरीबों के हितों की अनदेखी कर लाए गए किसी भी विकास के ढांचे से समाज में विद्रोह की भावना बनी रहेगी।
भारत स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक सुरेन्द्र बिष्ट ने कहा कि गांव एवं किसान की उपेक्षा की राजनीति से देश का विकास नहीं हो सकता। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने कहा कि ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करने लिए साजिश रची जा रही है। किसान नेता शिवकुमार शर्मा ने कहा कि जमीन की इस लड़ाई को आखिरी दम तक लड़ना है। किसान नेता एवं पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने कहा कि देशभर में किसान अपना हक पाने लिए आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की जमीनें छीनी जा रही है, जिससे वे आक्रोशित हैं। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीस कुमार ने कहा, “संगठन के सभी मांगों पर राज्य सरकार ने निर्णय नहीं लिया है, इसलिए अब गांव-गांव में पोस्टकार्ड लिखो अभियान चलाया जाएगा। 15 अगस्त को सांसदों एवं विधायकों का घेराव, 11 सितंबर को जिला स्तरीय प्रदर्शन एवं रैली का आयोजन और दो अक्टूबर को राजधानी भोपाल में चक्का जाम किया जाएगा।”
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
-
उत्तराखंड3 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड3 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
राजनीति3 days ago
महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें
-
प्रादेशिक3 days ago
यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
-
मध्य प्रदेश3 days ago
24 से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी प्रवास पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, प्रदेश में निवेश लाना है मकसद
-
अन्य राज्य3 days ago
महाराष्ट्र और झारखंड में वोटिंग करने के लिए पीएम मोदी ने की खास अपील
-
बिहार3 days ago
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निकालेंगे महिला संवाद यात्रा, 225 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव
-
प्रादेशिक3 days ago
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार