मुख्य समाचार
यमन में मृत भारतीय के परिजन पुष्टि के इंतजार में
शिमला| हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के निवासी मंजीत सिंह का परिवार उनके मृत होने के बारे में आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रहा है। सिंह यमन में गल्फ डोव नामक व्यापारिक पोत पर कार्यरत थे। सिंह के भाई यह मानने को तैयार नहीं होते कि मंजीत (28) वापस नहीं लौटेगा। जबकि उनके बूढ़े माता-पिता और उनकी पत्नी को इस घटना के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। अदन बंदरगाह में हुए एक बम विस्फोट में मंजीत को गंभीर चोटें आई थीं। मंजीत के भाई प्रवीण कुमार ने फोन पर बताया, “भारत सरकार की ओर से उसके निधन के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन उसके सहकर्मियों ने मुझे फोन पर बताया है कि उसकी मौत हो गई है।” प्रवीण कुमार भारतीय सेना में कार्यरत हैं। प्रवीण ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि मंजीत पोत के डेक पर खड़ा था, तभी कोई नुकीली वस्तु लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
चार भाई-बहनों में सबसे छोटा मंजीत सिंह जिला मुख्यालय हमीरपुर से कोई 25 किलोमीटर दूर भोरंज तहसील के चामबोह गांव का निवासी था। वह पिछले दो महीने से समुद्र में था। मंजीत के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। एक बेटी की उम्र तीन वर्ष और दूसरी मात्र दो माह की है। मंजीत के चाचा विनोद कुमार ने कहा कि उसके पिता कैप्टन (सेवानिवृत्त) प्रकाश चंद फिलहाल एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती है, क्योंकि उनके रक्त में शर्करा की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। मंजीत के सहकर्मी उसके शव को भारत वापस ला रहे हैं। उनका एक सहकर्मी पंजाब का रहने वाला है। विनोद कुमार ने कहा, “हमें सूचित किया गया है कि दो-तीन दिनों में शव यहां पहुंच जाएगा।”
यमन में भारत का निकासी अभियान शुक्रवार को औपचारिक तौर पर समाप्त हो गया। इस दौरान 5,600 लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला गया। इसमें 4,640 भारतीय और 960 अन्य 41 देशों के नागरिक थे। लेकिन करीब 200 भारतीयों ने गोलाबारी और बमबारी बढ़ने के बावजूद यमन छोड़ने से इंकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) अनिल वाधवा ने नई दिल्ली में बताया कि वहां करीब 200 भारतीयों ने यमन छोड़ने से इंकार कर दिया है, फिर भी भारतीय अधिकारी उनसे वहां से निकलने का लगातार आग्रह कर रहे हैं।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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