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प्रादेशिक

यश भारती सम्मान की जांच कराएंगे योगी आदित्यनाथ

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यश भारती सम्मान, योगी आदित्यनाथ,

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लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की ओर से शुरू किये गए यश भारती सम्मान की जांच कराएंगे।

 

यश भारती सम्मान, योगी आदित्यनाथ,

यश भारती सम्मान की शुरुआत मुलायम सिंह यादव की सरकार ने लगभग दो दशक पहले की थी। ये सम्मान सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, नसीरुद्दीन शाह, नवाजुद्दीन सिद्दीकी समेत तमाम बड़ी हस्तियों को दिया जा चुका है।

साल 1994 में सपा सरकार ने प्रदेश का नाम रोशन करने वाले कलाकारों को सम्मानित करने के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत की थी। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन पर इस तरह के आरोप लगते रहे थे कि कुछ लोगों को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए सम्मान के तहत 11 लाख की धनराशि और 50 हजार रुपए मासिक पेंशन के तौर पर बांटे गए हैं।

योगी सरकार के सूत्रो की माने तो पुरस्कार बांटने में अगर किसी तरह की धांधली पाई गई तो 50 हजार रुपए की मासिक पेंशन को तत्काल बंद किया जाएगा।

यश भारती पुरस्कार से सम्मानित बहुत सी शख्सियतें ऐसी भी हैं जो पेंशन नहीं लेती हैं। इनमें से बच्चन परिवार का नाम सबसे ऊपर है। इस परिवार से अमिताभ बच्चन, अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय को इस सम्मान से नवाजा गया है लेकिन वो 50 हजार वाली मासिक पेंशन नहीं लेते हैं।

बताया जाता है कि योगी आदित्यनाथ ने अयोग्य उम्मीदवारों को पुरस्कृत करने को पुरस्कारों का अपमान बताते हुए इस पर जांच के आदेश दिये हैं।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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