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ऑफ़बीट

यहां सीवर और गटर उगल रहे करोड़ों का सोना-चांदी

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जेनेवा। स्विट्जरलैंड में हर साल करीब 14 करोड़ रुपए का सोना नालों में बहा जाता है। ये सोना रिफाइनरी की गलती से बर्बाद हो रहा है। सोना ही नहीं, 13 करोड़ रुपए कीमत की करीब 3000 किलो चांदी भी हर साल बर्बाद होती है। शोधकर्ताओं ने पिछले साल सीवेज और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से निकली गाद से तीन टन चांदी और 43 किलो सोना खोज निकाला। इसकी कीमत 31 लाख डॉलर (करीब 20 करोड़ रुपए) आंकी गई।

शोधकर्ताओं में पता लगाया है कि स्विट्जरलैंड गोल्ड रिफाइनरीज और घड़ी बनाने की फैक्ट्रियों के बेकार पानी के सीवेज सिस्टम में जाता है उसके साथ करीब 44 किलो सोना हर साल बह जाता है। इस सोने की कीमत करीब 13 करोड़ रुपए के आसपास है। ये कंपनियां उत्पादों के निर्माण और प्रक्रिया में इन धातुओं का उपयोग करती हैं।

हालांकि यह जानकारी सामने आने के बाद लोग अपने इलाके की नालियों में इन महंगी धातुओं की खोज में जुटते इससे पहले ही शोधकर्ताओं ने साफ कर दिया कि ये धातुएं सूक्ष्म कणों के रूप में मिली हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि ‘वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर में करीब 43 किलो सोना और 3000 किलो चांदी मिली है। ये एक अंश मात्र है। असल में इससे कहीं ज्यादा सोना-चांदी सीवर में बह जा रहा है। इसकी मात्रा इतनी अधिक है कि पूरा रिकवर भी नहीं किया जा सकता।

दक्षिणी स्विटजरलैंड जहां काफी संख्या में गोल्ड रिफाइनरीज हैं, वहां के सीवरों में सोना ज्यादा मात्रा में बरामद हुआ। वैज्ञानिकों को सीवरों के पानी में और भी चौंकाने वाला तत्व मिले. सोने के अलावा चांदी और अन्य दुर्लभ धातुएं भी सीवर के पानी में बरामद की गईं।

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ऑफ़बीट

मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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