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यह स्मार्ट बैंडेज बेडसोर से दिलाएगा निजात

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स्मार्ट बैंडेज, गंभीर संक्रमण 'बेडसोर', बर्कले स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, स्मार्ट बैंडेज परियोजना के प्रमुख माइकल महारबिज

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वाशिंगटन| बिस्तर पर लगातार पड़े रहने के कारण होने वाले गंभीर संक्रमण ‘बेडसोर’ से अब लोगों को निजात मिल जाएगी, क्योंकि शोधकर्ताओं ने एक ऐसे बैंडेज की खोज की है, जो प्रारंभिक अवस्था में ही बेडसोर का पता लगा सकता है। बेडसोर या प्रेशर अल्सर त्वचा में होने वाले ऐसे जख्म हैं, जो लंबे समय तक त्वचा पर पड़ने वाले दबाव के कारण उसमें अपर्याप्त रक्त संचार की कमी से हो जाते हैं।

अमेरिका में बर्कले स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के इंजीनियरों ने एक ‘स्मार्ट बैंडेज’ तैयार किया है, जो बेडसोर का पता लगाने के लिए बिजली का इस्तेमाल करता है। यह ऐसे बेडसोर का पता लगा सकता है, जो सामान्य तौर पर आंखों से भी नहीं दिखाई पड़ते।

स्मार्ट बैंडेज परियोजना के प्रमुख माइकल महारबिज ने कहा, “हमने एक ऐसा बैंडेज तैयार किया है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाने से पहले प्रारंभिक अवस्था में ही बेडसोर का पता लगा सकता है।” इस अविष्कार से अकेले अमेरिका में ही अनुमानत: 25 लाख लोगों को राहत मिलेगी। यह अध्ययन पत्रिका ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ में प्रकाशित हुआ है।

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फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में

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नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।

होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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