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यादव सिंह पर CBI का शिकंजा, ताबड़तोड़ सवालों के सामने फूला दम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अकूत संपत्ति के मालिक और करोड़ों के भ्रष्टाचार में संलिप्त नोएडा प्राधिकरण के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की कड़ी पूछताछ के दौरान यादव सिंह खासा नर्वस दिखा और जवाब देने में कई बार अटका।
यादव सिंह पर सीबीआई के अफसर अब चौबीसों घंटे नजर रखे हुए हैं। यहां तक किसी भी दशा में देश से बाहर जाने से मना कर दिया गया है। शहर भी तभी छोड़ सकेंगे, जब वह सीबीआई को इसकी जानकारी देंगे। सिंह को यह भी बताया गया है कि उनकी गतिविधियों पर सीबीआई की नजर रहेगी।
कंपनियों के खेल के बारे में तमाम सवाल सीबीआई के वरिष्ठ अफसरों ने सोमवार को यादव सिंह से अथॉरिटी द्वारा दिए कार्य और भुगतान संबंधी जानकारियों को सामने रखकर कई घंटे तक पूछताछ की। सीबीआई ने यादव सिंह से उसके और परिवारीजनों के नाम से चल रही कंपनियों के खेल के बारे में तमाम सवाल किए। उसकी कंपनियों में हुए निवेश और कोलकाता की कंपनियों से कारोबारी रिश्तों के बारे में भी जानकारी मांगी।
जांच एजेंसी ने उसके खिलाफ जांच भ्रष्टाचार के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। सीबीआई ने उससे परियोजनाओं के संचालन सहित मामलों के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से सवाल किए। उनसे आयकर विभाग की छापामारी के दौरान बरामद दस्तावेजों के बारे में भी जवाब-तलब किया गया।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने घोटाले को लेकर दो एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें पहली एफआईआर में यादव सिंह को आरोपी बनाया गया था, जबकि दूसरी एफआईआर में उनके परिवार के सदस्यों व पार्टनर को आरोपी बनाया गया है। इसके बाद सीबीआई ने उनके नोएडा में स्थित मकान पर छापेमारी की, जिसे केस प्रॉपर्टी मानते हुए सील कर दिया गया था। इसके अलावा सीबीआई ने उनके पैतृक निवास आगरा, ससुराल फिरोजाबाद और उनके दामाद के आवास पर छापेमारी कर घोटाले से संबंधित दस्तावेज खंगाले थे। इसके अलावा नोएडा स्थित तीन कंस्ट्रक्शन कंपनियों से संपर्क कर कराए गए कार्यो और भुगतान संबंधी दस्तावेज मांगे थे।
विभाग और काम करने वाली कंपनियों से दस्तावेज मिलने के बाद सीबीआई ने यादव सिंह पर शिकंजा कसना शुरू किया, जिसके बाद सीबीआई लगातार यादव सिंह को नोटिस देकर पूछताछ के लिए मुख्यालय तलब कर रही है।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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