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प्रादेशिक

यादव सिंह मामले की सुनवाई 16 मार्च को

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नए धनकुबेर यादव सिंह मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ 16 मार्च को सुनवाई करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा विकास प्राधिकरण के हलफनामे कई गंभीर बातें सामने आई हैं।

हलफमाने के मुताबिक, नोएडा प्राधिकरण के आर.पी. सिंह द्वारा 13 जून 2012 को सेक्टर-39, नोएडा में दायर एफआईआर में सिंह के साथ वही परियोजना अभियंता रामेंद्र कमीशनखोरी के अभियुक्त बनाए गए थे, जो 28 नवंबर 2014 को आयकर छापे के दौरान यादव सिंह के घर पर मिले और जिन्होंने आयकर अधिकारी के सामने स्वीकारा था कि प्रत्येक अनुबंध अवार्ड में अवैध कमीशन लिया जाता था, जिस आधार पर नोएडा प्राधिकरण ने 8 दिसंबर 2014 को रामेंद्र को निलंबित किया था।

इस तरह जो बात दो साल पहले यादव सिंह के खिलाफ एफआईआर में कही गई, वह बाद में फिर स्थापित हुई, लेकिन सीबीसीआईडी ने इस मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी है। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने जनहित याचिका दायर कर इन तथ्यों के आधार पर सीबीसीआईडी की विवेचना प्रथमदृष्टया गलत होने की बात कहते हुए इन बातों को हलफनामे के जरिए 16 मार्च की सुनवाई में अदालत के सामने रखने की बात कही है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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