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मुख्य समाचार

युवा होना चाहिये डीआरडीओ प्रमुखः पर्रिकर

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नई दिल्ली| रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपनी मंशा जताते हुये मंगलवार को कहा कि रक्षा अनुसंधान एंव विकास संगठन की कमान एक युवा व्‍यक्ति के हाथ में होनी चाहिये| उन्होंने कहा कि डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर का कार्यकाल पहले ही खत्‍म हो जाने के कारण मैंने यह सिफारिश की है| चंदर को पद से हटाने के एक दिन बाद मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें हटाने को लेकर कोई विवाद नहीं है।

पर्रिकर ने मंगलवार को कहा, “मैंने सिफारिश की थी कि इतने ऊंचे पद पर कोई अनुबंध के जरिये नहीं हो। इस वरिष्ठ पद पर किसी योग्य वरिष्ठ अधिकारी को बिठाया जाना चाहिए। इसमें कोई विवाद नहीं है।” उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि डीआरडीओ की कमान किसी युवा व्यक्ति के हाथ होनी चाहिए। मैंने उन्हें हटाने को लेकर सिफारिश की थी और उन्होंने अपनी सहमति जताई।” मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने चंदर की सेवा समाप्ति को मंजूरी दी है, जो 31 जनवरी से प्रभावी होगी।

इसे लेकर कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की वेबसाइट पर एक अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन बाद में हटा ली गई। वहीं, डीआरडीओ अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को उन्हें इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। अग्नि श्रृंखला के प्रक्षेपास्त्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चंदर 30 नवंबर, 2014 को 64 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत हो गए थे। हालांकि अनुबंध के आधार पर वह अपने पद पर बने रहे, जो 31 मई, 2016 को समाप्त होना था। यह पूछे जाने पर कि बिना सूचना दिए अचानक उन्हें पद से हटाया जाना सही है, पर्रिकर ने कहा, “मैंने भी यह सूचना आपसे, अखबार से और टेलीविजन से पाई है।”

पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, “डीआरडीओ प्रमुख का सेवाकाल नवंबर में ही खत्म हो गया था, लेकिन पूर्व मंत्रिमंडल ने उनकी सेवा को तीन वर्षो के विस्तार की मंजूरी दी थी।” उन्होंने कहा, “उनकी जगह कौन लेंगे, इसका फैसला अभी नहीं हुआ है। हम इस पद पर फिलहाल अस्थायी तौर पर किसी की नियुक्ति करेंगे।” इसी बीच खबर मिली है कि प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक शेखर बसु को अविनाश चंदर की जगह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की कमान सौंपी जा सकती है। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के प्रमुख बसु ने उस परमाणु प्रणाली को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे भारतीय नौसेना के अरिहंत श्रेणी के पनडुब्बियों को सुसज्जित किया गया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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