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अन्तर्राष्ट्रीय

यूएन में भारत ने दिया बयान, आंतरिक मामलों में दखलंदाजी कर रहा पाक

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संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में मंगलवार को कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों को पाकिस्तान की ओर से जारी मदद राज्य के लोगों के मानवाधिकारों के लिए प्रमुख चुनौती है। भारत और पाकिस्तान के बीच संयुक्त राष्ट्र में सोमवार से अब तक बयानों के तीन दौर चल चुके हैं। भारतीय राजनयिक मयंक जोशी ने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताया गया था।

जोशी ने कहा, “इस मंच का दुरुपयोग कर भारतीय राज्य जम्मू एवं कश्मीर के बारे में लगातार विवादास्पद बातें करना सीधे तौर पर भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी है।” दोनों देशों के बीच यह मौजूदा गहमागहमी सोमवार को उस वक्त शुरू हुई जब पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने महासभा की उस समिति में कश्मीर मुद्दा उठाया, जो सामाजिक एवं मानवीय मामलों से सरोकार रखती है।

मलीहा ने संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग दोहराई। उन्होंने कहा, “कश्मीरियों ने पीढ़ी दर पीढ़ी बस टूटी प्रतिज्ञाओं और क्रूर दमन को देखा है।” अंबाला (हरियाणा) से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य और भारत के संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल सदस्यों में से एक रतन लाल कटारिया ने मंगलवार को मलीहा के बयान का जवाब दिया।

उन्होंने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर के लोगों ने भारत की आजादी के समय आत्मनिर्णय संबंधी अपने अधिकार का प्रयोग किया था। और, तभी से नियमित रूप से सभी स्तरों पर निष्पक्ष व आजाद तरीके से चुनावों में शामिल हुए हैं।” उन्होंने कहा, “ये चुनाव अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और सम्मति के दायरे में रहकर हुए हैं जिसने चुनावी प्रक्रिया में कभी दोष नहीं निकाला।” कटारिया ने कहा, “पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने से पहले सर्वप्रथम अपने कब्जे वाले जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकना चाहिए और पीड़ितों के आत्मनिर्णय के अधिकार को सुनिश्चित करना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि यह और भी ताज्जुब की बात है कि ये बातें वह देश कर रहा है जिसने भारत के जम्मू एवं कश्मीर के एक हिस्से पर अवैध कब्जा किया हुआ है और जो अपने कब्जे वाले इलाके के लोगों के मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन कर रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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