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यूपी पीएससी को जल्दबाजी में क्लिन चिट दे रही सरकार : भाजपा

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लखनऊ| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई ने कहा है कि यूपी पीसीएस प्री-टेस्ट के पेपर लीक मामले में अखिलेश सरकार जल्दीबाजी में उप्र लोक सेवा आयोग (यूपी पीएससी) को क्लीन चिट देने में क्यों जुटी है, जबकि आयोग अभी तक परीक्षा रद्द किए जाने पर मौन साधे हुए है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पुलिस महानिदेशक के बयान और बाद से हुए खुलासों में स्पष्ट होता है कि पीसीएस परीक्षा का पर्चा लीक हुआ। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए कोई निर्णय लेने के बजाय अखिलेश सरकार आयोग को क्लीन चिट देने में जुटी है।

उन्होंने कहा कि सरकार खुद कह रही है कि जांच जारी है, जब जांच अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंची तो यह कैसे तय हो गया कि आयोग का कोई कर्मचारी, अधिकारी इसमें शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार के रवैये से एक बार फिर सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं। अखिलेश राज में पुलिस भर्ती में हुए घोटालों के बाद पीसीएस प्री-टेस्ट का पेपर लीक होने से प्रतिभावान छात्र-छत्राएं निराश हैं, अब वे अपने भविष्य को लेकर भी सशंकित हो रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने राज्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पहले प्रतियोगी परीक्षाएं, फिर नियुक्ति की परीक्षाएं और अब सबसे बड़ी प्रशासनिक परीक्षा में राज्य की अखिलेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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