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प्रादेशिक

यूपी बोर्ड का रिजल्ट घोषित, हाईस्कूल में 83%, इंटर में 88 फीसदी छात्र पास

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लखनऊ/इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) द्वारा संचालित हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम रविवार को घोषित कर दिया गया। इस बार की परीक्षा में भी लड़कियां अव्वल रहीं। इंटरमीडिएट की परीक्षा में लखनऊ की ज्योति राठौर ने 97 प्रतिशत अंक पाकर टॉप किया, जबकि हाईस्कूल में औरेया के सर्वेश वर्मा ने 97.7 प्रतिशत अंक पाकर पहला स्थान प्राप्त किया। परीक्षा का परिणाम घोषित करते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक व सभापति डॉ. अवा नरेश शर्मा ने बताया कि इंटरमीडिएट में परीक्षार्थियों का उत्तीर्णता प्रतिशत 88.83 है, जबकि हाईस्कूल में 83.74 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं।

इंटरमीडिएट में इस वर्ष पूरे प्रदेश के सम्मिलित 27,64,277 परीक्षार्थियों में से 14,73,090 छात्र तथा 12,91,187 छात्राएं हैं। इनमें से 12,65,515 छात्र तथा 11,89,981 छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं। बालकों का उत्तीर्णता प्रतिशत 85. 91 तथा बालिकाओं का उत्तीर्णता प्रतिशत 92.16 है। सभी परीक्षार्थियों में बालिकाओं का उत्तीर्णता प्रतिशत बालकों के उत्तीर्णता प्रतिशत से 6.25 तथा संस्थागत परीक्षार्थियों का उत्तीर्णता प्रतिशत व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उत्तीर्णता प्रतिशत से 02.74 अधिक है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक के अनुसार, इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा में कुल 34,95,974 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिनमें 33,78,245 संस्थागत और 1,17,729 व्यक्तिगत थे। हाईस्कूल में संस्थागत परीक्षार्थियों का उत्तीर्णता प्रतिशत 84.18 तथा व्यक्तिगत परीक्षार्थियों का उत्तीर्णता प्रतिशत 70.63 है। इस तरह हाईस्कूल में सभी सफल परीक्षार्थियों का प्रतिशत 83.74 है। डॉ. शर्मा ने इलाहाबाद में बताया कि इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा में सम्मिलित प्रदेश के 30,55,879 परीक्षार्थियों में से 16,31,287 छात्र व 14,24,592 छात्राएं, इनमें से 13,00,585 बालक तथा 12,58,512 बालिकाएं उत्तीर्ण हुई हैं।

शर्मा ने बताया कि बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 79.73 तथा बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 88.34 है। सभी परीक्षार्थियों में बालिकाओं का उत्तीर्णता प्रतिशत बालकों के उत्तीर्णता प्रतिशत से 8.61 अधिक है। इसी तरह संस्थागत परीक्षार्थियों का उत्तीर्णता प्रतिशत व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उत्तीर्णता प्रतिशत से 13.55 अधिक है।

गौरतलब है कि इस वर्ष हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 19 फरवरी से शुरू हुई थीं। हाईस्कूल की परीक्षा 11 मार्च को और इंटरमीडिएट की परीक्षा 23 मार्च को समाप्त हुई थी। समूचे प्रदेश में हाईस्कूल के लिए कुल 11,166 तथा इंटर के लिए कुल 10,341 परीक्षा केंद्र निर्धारित हुए थे। दोनों परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 30 मार्च से 13 अप्रैल के बीच प्रदेश के विभिन्न जनपदों में निर्धारित 237 मूल्यांकन केंद्रों पर हुआ।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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