Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

यूपी में पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 28 लाख से ज्यादा हुए आवेदन*

Published

on

Loading

 

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश में तमाम योजनाओं के माध्यम से गरीबों और वंचितों के जीवन स्तर को ऊपर लाने के लिए काम कर रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना को भी प्रदेश में पूरी गंभीरता के साथ संचालित किया जा रहा है। परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा ऐसा राज्य है, जहां सर्वाधिक लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। उत्तर प्रदेश में 28 लाख से ज्यादा लोगों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन किया है, जिसमें त्रिस्तरीय सत्यापन और प्रशिक्षण के बाद प्रदेश सरकार प्रशिक्षित लोगों को लोन की सुविधा उपलब्ध कराएगी।

अब तक विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश में कुल 28,42,247 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उत्तर प्रदेश से आगे सिर्फ एक ही राज्य मध्य प्रदेश है, जहां पर 29,18,456 आवेदन किए गए हैं। प्रदेश में प्राप्त आवेदन के सापेक्ष 14,10,723 को प्रथम स्तर पर और 85,689 को द्वितीय स्तर रिकमंड किया गया, जिसमें 43,026 को तृतीय पर अप्रूवल मिल चुका है।

मालूम हो कि एमएसएमई में भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए 18 प्रकार के विभिन्न ट्रेड को शामिल किया गया है। इसमें बढ़ई, नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा व टूलकिट बनाने वाला, ताला बनाने वाला, पत्थर तोड़ने वाला, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले बुनकर, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, एवं मछली का जाल बनाने वाले कारीगर शामिल हैं। पीएम विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन इन्हीं ट्रेड में 28 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें वही लोग शामिल होंगे, जिन्होंने राज्य या केंद्र सरकार की किसी अन्य योजना में 5 वर्ष के अंदर लाभ लिया है। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड के साथ स्किल अपग्रेडेशन, टूलकिट इंसेंटिव, क्रेडिट सपोर्ट समेत डिजिटल ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव और मार्केटिंग सपोर्ट जैसे लाभ मिलेंगे।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

Published

on

Loading

लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

Continue Reading

Trending