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ये क्‍या अतिउत्‍साह में पीडि़त परिवार की पहचान बता गए आईजी साहब!

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बुलंदशहर गैंगरेप, पीड़ित परिवार का नाम उजागर, आईजी सुजीत पाण्‍डेय की प्रेस कांफ्रेंस, सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग

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बुलंदशहर गैंगरेप, पीड़ित परिवार का नाम उजागर, आईजी सुजीत पाण्‍डेय की प्रेस कांफ्रेंस, सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग

sujeet pandey

बुलंदशहर गैंगरेप मामले में आईजी सुजीत पाण्‍डेय की प्रेस कांफ्रेंस

लखनऊ। अब इसे यूपी की ‘जांबाज’ पुलिस का अतिउत्‍साह कहें या नाजानकारी अथवा बेहयाई, बुलंदशहर गैंगरेप केस में हुई गिरफ्तारी के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए मेरठ जोन के आईजी सुजीत पांडे ने पीड़ित परिवार का नाम उजागर कर दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के मुताबिक ऐसे मामलों में पीड़िता या उसके परिवार की पहचान उजागर करना कानूनन गलत है।

हालांकि बाद में आईजी सुजीत पांडे ने सफाई दी कि मैंने पीड़िता का नहीं उसके परिवार का नाम लिया है, जो लिया जा सकता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान पीड़िताओं ने कर ली है, जबकि शिकायतकर्ता का कहना है कि पहचान नहीं करवाई गयी है।

आज सुबह आईजी पांडे ने मुख्य आरोपी सलीम और दो अन्य आरोपी परवेज और जुबैर की गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कल रात मुख्य आरोपी सलीम के साथ दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पहले भी तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, हालांकि एक और आरोपी अभी फरार चल रहा है। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपी कन्नौज से हैं। अपराध को अंजाम देने के बाद आरोपी झारखंड भाग गये थे। हमारे पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिन्हें हम कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। आइजी के अनुसार, अपराधियों ने अपराध को अंजाम देने से पहले घटनास्थल की रेकी की थी।

आईजी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने शराब पी थी। इन आरोपियों के पास से हथियार और महिलाओं के आभूषण और पैसे भी बरामद किये गये हैं। उन्होंने बताया कि सलीम एक गैंग चलाता है, जिसने इस गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। इस गैंग में 10-12 लोग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बंदूक का भय दिखाकर महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था। आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

आईजी ने बताया कि आरोपियों की पहचान पीड़िताओं ने कर ली है। चूंकि उनके साथ इस तरह की हैवानियत वाली घटना हुई, इसलिए उनके लिए पहचान करना कोई बहुत मुश्किल भरा काम नहीं था। आरोपियों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं, जिसकी जांच के बाद और भी कई खुलासे हो सकते हैं। आईजी ने बताया कि अभी इस आरोपियों से और पूछताछ की जायेगी, जिसमें कई और मामलों के खुलासे हो सकते हैं।

आईजी सुजीत पांडेय ने कहा कि यह सवाल उठाया जा रहा है कि अंधेरा होने के बाद अपराधियों को महिलाओं ने पहचाना कैसे? उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब वे अपराधी इन महिलाओं की कार के पास पहुंचे तो दरवाजा खुलने पर लाइट जली जिसमें उन्होंने अपराधियों का चेहरा देख लिया था।

सुजीत पांडेय के अनुसार, अपराधियों को मेरठ में छापा मार कर पकड़ गया है और उनके पास से दो तमंचा, चार कारतूस, महिलाओं के गहने, नकदी, जींस व टीशर्ट बरामद किये गये हैं। घटनास्थल से कपड़े व बाल आदि बरामद किये गये हैं, जिनकी फारेंसिक जांच भी करायी जायेगी।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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