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योगी ने 5.54 करोड़ पौधे लगाने की योजना की शुरुआत की
लखनऊ, 5 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को 5.54 करोड़ पौधे लगाने की योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत हरिद्वार से लेकर बलिया तक गंगा किनारे 1000 किलोमीटर में पौधे लगाए जाएंगे।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित ‘कनेक्ट विद नेचर’ कार्यक्रम में योगी ने कहा, आज प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है तथा वृक्षों की कमी से पर्यावरण असंतुलन पैदा हो रहा है। कई राज्यों ने पर्यावरण को लेकर अच्छा काम किया है। सभी को वन संपदा के संरक्षण के लिए तत्पर रहना चाहिए। कार्ययोजना बनाकर पर्यावरण का संरक्षण होना चाहिए। हरिद्वार से लेकर बलिया तक गंगा नदी के किनारे पेड़ लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर समय रहते प्रकृति से संबंध नहीं बनाया गया तो मानवता के लिए संकट पैदा हो सकता है। आज प्रकृति से खिलवाड़ हो रहा है। नदियों में कूड़ा कचरा डाल कर उन्हें प्रदूषित किया जा रहा है। इस पानी से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान होता है।
उन्होंने कहा, जो व्यक्ति प्रकृति के जितना नजदीक होगा, वह उतना ही अधिक स्वस्थ्य होगा। प्रकृति ने हमें जंगल तो दिए हैं पर हम उनका संरक्षण करने में असफल रहे हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को समझे और पर्यावरण संरक्षण के लिए गंभीर हो जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सूबे के 22 करोड़ लोग प्रति वर्ष एक एक पेड़ लगाए और उसका संरक्षण करें तो दो-तीन साल में ही वनीकरण के लक्ष्य के 15 प्रतिशत तक को हासिल किया जा सकता है।
योगी ने कहा, पेड़ लगाने की औपचारिकता मात्र नहीं होनी चाहिए, बल्कि जो पेड़ लगाए जाए, उनका संरक्षण भी किया जाना चाहिए। व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण होना चाहिए। सरकार ने सूबे के 86 लाख किसानों के फसली ऋण को माफ किया है। कर्ज माफी कोई उपकार नहीं, बल्कि एक प्रोत्साहन है, जिससे कि किसान भविष्य में भी समाज के लिए योगदान कर सकें। इस कर्ज मार्फी के पत्र को देते समय हर किसान को 10-10 पेड़ दिए जाएंगे। जब किसान इन पेड़ांे को लगाएंगे तो काफी ग्रीन कवर बढ़ जाएगा।
वृक्षारोपण अभियान से सांसदों, विधायकों और ग्राम प्रधानों को जोड़ने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा, वृक्षारोपण के लिए हर व्यक्ति को चिंता करनी चाहिए। व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जब भी किसी व्यक्ति को एक पेड़ काटने की अनुमति दी जाए तो उससे 10 पेड़ लगवाने और उनके संरक्षण की भी गारंटी ली जाए। आज पेड़-पौधे, जगंल सब समाप्त हो रहे हैं। पहले बरगद, पीपल, आम आदि के काटने पर रोक होती थी पर अब यह रोक नहीं है, जिसके कारण आम की एक प्रजाति खत्म होने के कगार पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा, पर्यावरण के बारे में प्रधानमंत्री ने भी बहुत कुछ बताया है। रविवार को लखनऊ का तापमान बहुत ज्यादा था। पर्यावरण का संतुलन आज बिगड़ रहा है अगर हम पर्यावरण को नहीं सुधारेंगे तो संकट खड़ा होगा। पीपल, आंवला, अशोक, बरगद के पेड़ बहुत उपयोगी हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में वृक्षों का बहुत बड़ा योगदान है। जामुन, आम, मदार सहित औषधीय पौधे हैं। नवग्रह वाटिका स्थापित करके नौ प्रकार के पौधे लगाएं तथा ग्रह नक्षत्र के हिसाब से भी पौधरोपण करना चाहिए।
पर्यावरण दिवस पर राजधानी में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। उप्र सरकार ने आज (सोमवार) से 5.54 करोड़ पौधे लगाने की योजना की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत हरिद्वार से लेकर बलिया तक गंगा किनारे 1000 किलोमीटर में पौधे लगाए जाएंगे। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कल्पवृक्ष का पौधा लगाया और चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस मौके पर योगी ने पर्यावरण दिवस पर स्मारिका और नागरिक चार्टर का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने वन विभाग द्वारा बनाई गई मोबाइल एप ‘वन मित्र’ की भी शुरुआत की है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और दिनेश शर्मा ने भी पौधरोपण किया।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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