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अन्तर्राष्ट्रीय

योग दिवस : भारत के आह्वान पर एकजुट हुआ विश्व

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संयुक्त राष्ट्र। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का जश्न यहां मनुष्य में एकता के प्रतीक के रूप में मनाया गया। यहां विश्वभर के लोग भारत की तरफ से प्रस्तावित 177 देशों द्वारा प्रायोजित और संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों के समर्थन वाले इस दिवस को मनाने रविवार को एक जगह इकट्ठा हुए।

न्यूयार्क के ईस्ट रिवर में हर जाति, धर्म, राष्ट्रीयता और राजनीतिक विचारधारा के लोगों ने योग के 35 आसन किए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने योग थीम वाले सफेद ट्रैक सूट पहन रखा था। यहां राजनयिक भी एकमत से आसन करने पहुंचे, जिन्हें आर्ट ऑफ लीविंग के योग गुरु श्री श्री रविशंकर ने योग अभ्यास कराया।

योग दिवस का एक उद्देश्य पर्यावरण के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना भी था, जिसकी तत्काल बड़ी आवश्यकता है। बान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए भाषण का उल्लेख करते हुए कहा, “योग सिर्फ अभ्यास नहीं है, यह खुद में, विश्व और प्रकृति में एकता के भाव खोजने का मार्ग है।”

बारिश की संभावना के बीच संयुक्त राष्ट्र प्लाजा में शामियाना लगाया गया था, जो कि पारदर्शी था। पिछली रात यहां गरज के साथ बौछारें पड़ी थीं और सुबह में बारिश हुई थी। शहर में आसमान पर घने बादल घिरे हुए थे।

संयुक्त राष्ट्र और टाइम्स स्क्वेयर में आयोजित कार्यक्रम में 30,000 लोग इकट्ठा हुए, जो नई दिल्ली के 36,000 के बाद दूसरा बड़ा आंकड़ा है।

यहां संयुक्त राष्ट्र के नजदीक और दूर से विद्यार्थी आए थे।

लखनऊ शहर के सिटी मोंटेसरी स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र दिव्यांशु सिंह भारत के उन 50 बच्चों में शामिल थे, जो योग अभ्यास के लिए न्यूयार्क आए थे।

उन्होंने कहा, “यह जीवन में एक बार मिला अवसर है। यह देखना बेहद सुखद है कि योग विश्वभर में अपना प्रभाव छोड़ रहा है।”

न्यूयार्क के उपनगरीय इलाके स्कार्सडैले से आई गिजली ओमतीकी ने कहा, “यह देखना बेहद सुखद है कि विश्वभर के युवा एकसाथ योग अभ्यास कर रहे हैं।”

योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र पहुंचीं भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में कहा कि योग धर्म नहीं है और इसे किसी धर्म से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह एक विज्ञान है।”

आर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के 56 में से 47 सदस्य देश योग दिवस के प्रायोजक बने, लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया।

हालांकि, कुछ कट्टर ईसाइयों ने इसका विरोध किया और कुछ कैथोलिक नेताओं ने अपने समर्थकों को इससे दूर रहने को कहा। वहीं संयुक्त राष्ट्र में इसे लेकर काफी कम विरोध देखने को मिले।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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