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रमजान में बढ़ी बाजारों की रौनक

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लखनऊ। रमजान के मौके पर बाजारो में रौनक बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश की राजधानी के पुराना शहर इलाके में लोग देर रात तक सहरी की तैयारी में खरीदारी करते देखे जा रहे हैं। बाजारों में सहरी के लिए तरह-तरह की सेवई, फेनी, खजले की दूकानें सजी हैं। मुसलमानों में टोपी का भी बहुत महत्व है। चीन, अफगानिस्तान, टर्की की टोपियों की खासी मांग है। 50 रुपये से लेकर 700 रुपये की टोपियां बिक रही हैं। रोजेदार शाम के समय इफ्तार के वक्त अपना रोजा खजूर खाकर खोलते हैं। मौलाना फजलुर रहमान ने बताया कि इस्लाम में खजूर से रोजा खोलना सुन्नत माना गया है।

दुकानदार रफीक आलम ने बताया कि सऊदी अरब, ओमान से आए खजूर की काफी मांग बाजारों में कई खाड़ी देशों से जैसे सऊदी अरब, ओमान और इसके अलावा टयूनीशिया से आए खजूर की काफी मांग है। इसमें सबसे खास पैगम्बर मोहम्मद के हाथों से लगाए पेड़ के खजूर सबसे महंगे हैं।

रोजेदारों के नमाज पढ़ने के लिए इस साल बाजार में नए-नए डिजाइन की की टोपियां आई हैं। टोपी निमार्ताओं ने डिजाइन के साथ मौसम का भी खास ख्याल रखा है। पुराने शहर के तरह-तरह की टोपियों की दुकानें सजी हैं।

रमजान को लेकर पुराने शहर के बाजार देर रात तक खुल रहे हैं। इससे यहां रात भर रौनक रहती है। 50 रुपये से रुपये से लेकर सात सौ रुपये में टोपियां पुराने शहर के नक्खास, अकबरीगेट, चौक और नजीराबाद आदि क्षेत्रों में नमाज पढ़ने के लिए विभिन्न प्रकार के डिजाइन वाली टोपियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। यहां 50 रुपये से रुपये से लेकर सात सौ रुपये में टोपियां हैं।

इस बार गर्मी के मद्देनजर बाजार में महीन जालीदार टोपियां भी लाई गई हैं। इनकी कीमत 50 रुपये से शुरू है। इस साल भी बाजार में चायनीज टोपियां छाई हैं। इसके अलावा दुकानों पर प्लास्टिक की टोपियां भी हैं। ये टोपियां लोग मस्जिदों में रखवाने के लिए खरीदते हैं।

यही नहीं, दरूद शरीफ पढ़ने के लिए तरह-तरह के मोतियों वाली तस्बीहयां भी बाजार में हैं। मोतियों वाली तस्बीह में छोटी सी दूरबीन भी लगी है। इसमें मक्का व मदीना का फोटो है। डिजिटल कुरआन भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा कई ऐसी भी तस्बीह हैं, जिन पर अल्लाह व मोहम्मद तथा कलमे की सुंदर नक्काशी है।

बाजार में इलेक्ट्रॉनिक व मैनुअल काउंटर तस्बीह भी खूब बिक रही हैं। इसके अलावा नमाज पढ़ने के लिए तरह-तरह की जानमाज भी उपलब्ध हैं। पुराने शहर की दुकानों पर डिजिटल कुरआन भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है। इस पर विशेष प्रकार के बने ‘ऑप्टिक पेन’ को स्पर्श करने से यह कुरआन की तिलावत करता है।

नबावों के शहर का माहौल जहां इबादत के चलते खुशनुमा बना हुआ है, वहीं अब जगह-जगह नए-नए कपड़ों और जूतों के अलावा महिला प्रसाधन के सामानों दुकाने भी सजने लगी हैं। नक्खास, चौक, अमीनाबाद, नजीराबाद, मौलवीगंज व आलमबाग के बाजारों में तरह-तरह की सेवइयों की दुकाने लगी हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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