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प्रादेशिक

रमजान शुरू, हैदराबाद में चहल-पहल बढ़ी

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हैदराबाद,तेलंगाना,आंध्र प्रदेश के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों,स्जिदों से लाउडस्पीकर,नमाज-ए-तारावीह

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हैदराबाद | रमजान का पाक महीना शुक्रवार को शुरू हो गया। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में उत्सव का माहौल है। यहां चहल-पहल गुरुवार रात से ही शुरू हो गई। मुसलमानों ने मस्जिदों में नमाज-ए-तारावीह यानी विशेष नमाज अदा की।

सहर के साथ शुक्रवार को रोजा शुरू हो गया है। मस्जिदों से लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को जागने के लिए घोषणाएं की गईं और उसके उसके बाद तड़के 4.10 बजे फिर लाउडस्पीकर के जरिए रोजा शुरू होने की घोषणा की गई। रोजा के दौरान मुस्लिम लोग खान-पान और यौन संबंधों से दूर रहते हैं। रोजा प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक होता है। इस साल हैदराबाद और आसपास के जिलों में लगभग 15 घंटे लंबा रोजा होगा, क्योंकि इफ्तार (व्रत खुलना) का समय शाम 6.58 बजे है। हैदराबाद और शहर के अन्य मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में रौनक लौट आई। गुरुवार शाम नमाज-ए-तारावीह के लिए मस्जिदों में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए।

इस पाक महीने की शुरुआत पर लोगों को एक-दूसरे को बधाई देते हुए देखा गया। मस्जिदों को रोशनी से सजाया गया है। चारमीनार के पास ऐतिहासिक मक्का मस्जिद, शाही मस्जिद पब्लिक गार्डन्स, जामिया मस्जिद चौक, मस्जिद-ए-आलिया गन फाउंड्री, अजीजिया मस्जिद और अन्य मस्जिदों में भी भारी भीड़ देखने को मिली। पवित्र महीने के दौरान समृद्ध मुस्लिम विरासत के इस ऐतिहासिक शहर में काफी चहल-पहल है। लगभग प्रत्येक होटल में लजीज हलीम बिक रहे हैं। हलील इफ्तार के बाद सर्वाधिक बिकने वाला व्यंजन है।

हैदराबाद के नामपल्ली, मेहदीपट्टनम, टोली चौकी, मासाब टैंक और अन्य क्षेत्रों के भोजनालयों में खासा कारोबार हुआ है। हर साल की तरह सरकार ने रमजान के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। अबाध विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति और अन्य नागरिक सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री महमूद अली ने कहा कि सरकार ने रमजान के लिए पांच करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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