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नेशनल

रवींद्र जैन जैसा कलाकार कोई नहीं : जरीना वहाब

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मुंबई| बीते जमाने की अभिनेत्री जरीना वहाब संगीतकार और गीतकार रवींद्र जैन की निधन की खबर से सदमे में हैं। उनका कहना है कि रवींद्र जैसे कलाकार की जगह कोई नहीं ले सकता। रवींद्र ने शुक्रवार को शाम चार बजकर 10 मिनट पर लीलावती अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें किडनी की समस्या थी और वह डायलेसिस पर रहे थे।

अभिनेता सूरज पांचोली की मां जरीना ऐसे कई बेहतरीन गीतों का हिस्सा रहीं, जिनमें जैन ने संगीत दिया था। ‘गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा’ और ‘चितचोर’ जैसे गीत शामिल हैं। जरीना ने बताया की रवींद्र जैन ने काफी अच्छे संगीत दिए हैं। वह काफी सम्मानित व्यक्ति थे और उनके गाने आज भी गुनगुनाए जाते हैं। उनके निधन की खबर सुनकर मुझे काफी सदमा लगा है।

उन्होंने कई भक्ति आधारित एलबमों और टेलीविजन धारावाहिकों के लिए भी संगीत दिया। रवींद्र हाल ही में नागपुर के एक कन्सर्ट में थे, जब अचानक उनकी तबियत खराब हुई और उन्हें वहां एक अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके बाद उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका निधन हो गया।

 

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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