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राजग की बैठक में बिहार चुनाव पर चर्चा, सीट बंटवारे पर बात नहीं

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगियों के साथ बिहार चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। लेकिन, बैठक में सीट बंटवारे के बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर आधिकारिक रूप से कोई बात नहीं हुई।

बैठक के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान ने कहा, “हमने आज (सोमवार को) एक अनौपचारिक बैठक की। एक हफ्ते के अंदर हम लोग बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर फैसला कर लेंगे।” सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) ने शाह के सामने अपनी चिंता रखी और सीट बंटवारे के मुद्दे पर जल्द फैसला लेने की मांग की।

शाह ने उन्हें साफ शब्दों में बता दिया कि पहली सितंबर को भागलपुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली के बाद ही सीट बंटवारे पर कोई बात होगी। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि शाह ने सभी सहयोगियों को भरोसा दिलाया कि सीटों के बंटवारे में सभी के साथ न्याय होगा। उन्होंने सभी सहयोगियों से तमाम मुद्दों पर एक ही तरह की राय लोगों के सामने रखने को कहा। यह बैठक एलजेपी और आरएसएलपी की इस मांग के बाद हुई कि सीट बंटवारे पर जल्द से जल्द किसी नतीजे पर पहुंचा जाए।

पासवान ने जद यू, राजद और कांग्रेस की स्वाभिमान रैलो को फ्लॉप करार दिया। उन्होंने कहा कि रैली में लालू और नीतीश से पहले सोनिया गांधी को बोलने के लिए कहना उनका अपमान करना था। पासवान ने कहा, “इस रैली के बाद अब कांग्रेस और जद-यू का राजद में विलय हो जाना चाहिए।” उधर, हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (सेकुलर) के नेता जीतन राम मांझी ने कहा कि सितंबर के पहले हफ्ते में सीट बंटवारा हो जाएगा।

मांझी से पूछा गया कि बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए राजग का उम्मीदवार कौन होगा। मांझी ने कहा, “राजग में ऐसे कई योग्य नेता हैं जो मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के दावेदार के बारे में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे। बैठक में रामविलास पासवान, उनके सांसद बेटे चिराग पासवान, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा और हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (सेकुलर) के जीतन राम मांझी शामिल हुए। भाजपा की तरफ से शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और धर्मेद्र प्रधान और भाजपा के महासचिव और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने बैठक में हिस्सा लिया।

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले नए डीजीपी की नियुक्ति

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी। कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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