Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

राजनाथ शनिवार को करेंगे मणिपुर, त्रिपुरा का दौरा

Published

on

केंद्रीय-गृह-मंत्री-राजनाथ,त्रिपुरा,शरणार्थियों,मुख्यमंत्री-ओकराम-इबोबी-सिंह,लाल-थनहवला,उत्तरी-त्रिपुरा,मिजोरम

Loading

अगरतला | केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को मणिपुर व त्रिपुरा में कानून-व्यवस्था जायजा लेने के लिए पूर्वोत्तर के इन राज्यों का दौरा करेंगे। साथ ही वह त्रिपुरा में पिछले 17 वर्षो से अधिक समय से रह रहे शरणार्थियों को उनके राज्य भेजने की तैयारियों का आकलन करेंगे। त्रिपुरा सरकार के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, “केंद्रीय गृह मंत्री शनिवार को मणिपुर का दौरान करेंगे और मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह व इंफाल के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ कई बैठकें कर इस उग्रवाद प्रभावित राज्य के हालात की समीक्षा करेंगे।”

राजनाथ इंफाल से त्रिपुरा आएंगे और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की कुछ चौकियों का दौरा करेंगे। अधिकारी ने कहा, उसके बाद वह यहां त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थनहवला के साथ मुलाकात कर जनजातीय शरणार्थियों की मिजोरम वापसी की योजना की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे। राजनाथ उत्तरी त्रिपुरा के कंचनपुर में स्थित शरणार्थी शिविर का दौरा कर वहां रह रहे शरणार्थियों को पश्चिमी मिजोरम में स्थित अपने-अपने गांवों में लौट जाने के लिए राजी भी कर सकते हैं।

करीब 32,000 रियांग जनजाति के लोग अक्टूबर 1997 में एक मिजो वन्य अधिकारी की हत्या के बाद भड़की हिंसा के बाद पश्चिमी मिजोरम में स्थित अपने गांवों को छोड़कर उत्तरी त्रिपुरा के सात शरणार्थी शिविरों में रहे हैं। स्थानीय स्तर पर इन जनजातीय लोगों को ‘ब्रू’ कहा जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव शंभू सिंह ने 30 जनवरी को नई दिल्ली में त्रिपुरा व मिजोरम के अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी और मिजोरम के जनजातीय शरणार्थियों की राज्य वापसी पर चर्चा की थी।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के अथक प्रयास से बीमारू से स्वस्थ प्रदेश बना यूपी

Published

on

Loading

लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज का संकल्प लिया। साढ़े सात वर्षों में निरंतर किए गए प्रयासों के चलते आज उनका संकल्प साकार होता दिखाई दे रहा है। जहां वर्ष 2017 के पहले प्रदेश के छात्रों को मेडिकल की डिग्री के लिए दूसरे राज्यों और विदेशों का रुख करना पड़ता था, वहीं आज उन्हे प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई करने की सुविधा मिल रही है। इससे न सिर्फ प्रदेश में पहले की अपेक्षा डॉक्टर्स की कमी दूर हुई है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार हुआ है। सीएम योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों की तुलना में प्रदेश में मेडिकल कॉजेल की संख्या में दोगुने का इजाफा हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि वर्ष 2017 में इनकी संख्या महज 39 थी। इसी तरह प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

एमबीबीएस की 11,200 तो पीजी की 3,781 सीटोंं पर हो रहा दाखिला

मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प की दिशा में लगातार काम हो रहा है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेज की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-2017 में कुल 39 मेडिकल कॉलेज थे। इनमें 14 सरकारी और 25 प्राइवेट कॉलेज शामिल थे। वहीं योगी सरकार के अथक प्रयासों से पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या में दोगुने का इजाफा हआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इनमें 43 सरकारी और 35 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वर्ष 2016-2017 में प्रदेश में एमबीबीएस की कुल सीटें 5,390 थी। इनमें एमबीबीएस की 1,840 सीटें सरकारी और 3550 सीटें प्राइवेट थीं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में कुल सीटें 11,200 हैं। इनमें एमबीबीएस की कुल 5150 सरकारी सीटें और 6050 प्राइवेट सीटें शामिल हैं। इसी तरह पीजी की सीटों की बात करें तो वर्ष 2016-17 में 1,344 सीटें थी। इनमें सरकारी 741 और प्राइवेट की 603 सीटें शामिल हैं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में इनकी कुल संख्या 3,781 हैं। इनमें सरकारी 1,759 और प्राइवेट की 2022 सीटें शामिल हैं।

बागपत, हाथरस और कासगंज में भी होगी मेडिकल कॉलेज की स्थापना

डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि वर्तमान सत्र 2024-25 में प्रदेश के 12 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय क्रमश: बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी के कॉलेजों की 15 प्रतिशत सीटों को ऑल इंडिया कोटा के तहत काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है जबकि 85 प्रतिशत सीटों पर राज्य स्तरीय यूजी नीट प्रथम चक्र की काउंसिलिंग से अधिकांश पर आवंटन किया जा चुका है। वहीं सोनभद्र के मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के समक्ष द्वितीय अपील योजित की गई। अमेठी में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर चल रहा है। इसका निर्माण कार्य 34 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। वर्ष 2025-26 में 100 सीटों की लेटर ऑफ परमिशन प्राप्त करने के लिए एनएमसी, नई दिल्ली का पोर्टल खुलते ही आवेदन किया जाएगा। इसी तरह पीपीपी मोड के तहत मऊ में कल्पनाथ राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यहां पर एनएमसी के लेटर ऑफ परमिशन के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आवेदन किया जाएगा। इसके साथ ही पीपीपी मोड के वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) स्कीम के तहत बागपत, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा।

Continue Reading

Trending