Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

राजपथ पर मार्च करेगा संपूर्ण महिला दस्ता

Published

on

Loading

नई दिल्ली। भारत अपने सशस्त्र बलों में ‘नारी शक्ति’ को प्रदर्शित करने के लिए कमर कस चुका है। इसी कड़ी में 26 जनवरी को आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने जा रहे संपूर्ण महिला दस्ते का नेतृत्व करने वाली अधिकारियों को उम्मीद है कि राजपथ पर उनकी कदम चाल से और भी महिलाएं वर्दी पहनने के लिए प्रेरित हो सकेंगी।

सेना की वायु रक्षा कोर की कैप्टन दिव्या अजित परेड में शामिल हो रहीं 154 महिला अधिकारियों और कैडेटों के दस्ते की अगुवाई करेंगी। इस बार के गणतंत्र दिवस परेड में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि होंगे। राजपथ पर चरम पर चल रहे अभ्यास परेड में शामिल कैप्टन अजित (25) ने कहा कि यह वास्तव में एक सम्मान है और संभवत: जीवन में मिले बड़े अवसरों में से एक है।  महिला अधिकारियों ने यूं तो पूर्व में भी गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया था, लेकिन इस बार यह पहला मौका है जब सशस्त्र बलों से संपूर्ण महिला दस्ता राजपथ पर मार्च करेगा।

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमें वर्दी में मार्च करते देख कई महिलाएं सैन्य बलों में शामिल होकर देश की सेवा करने के लिए प्रेरित होंगी। कैप्टन अजित चेन्नई में स्थित प्रतिष्ठित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटा) से 2010 में स्नातक हैं। सेना में वह पहली महिला हैं जिन्हें तलवार सौंप कर सम्मानित किया जा चुका है। यह सम्मान प्रशिक्षण में सबसे बेहतर कैडेट साबित होने पर दिया जाता है। उस वर्ष 63 महिलाओं सहित कुल 244 कैडेट ओटा से पास हुए थे। कैप्टन अजित वर्ष 2008 के गणतंत्र दिवस परेड में सबसे बेहतर एनसीसी कैडेड मानी गई थीं। संपूर्ण महिलाओं एक सैन्यदल तैयार करने की प्रक्रिया बहुत आसान नहीं थी। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि देश भर से करीब 200 महिलाएं ओटा पहुंची थीं और कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद 126 अधिकारी और अकादमी से 28 महिला कैडेट का परेड के लिए चुनाव किया गया। कैप्टन अजित ने कहा, “चीजें तेजी से बदल रही है। सेना में महिलाओं की भूमिका और ताकत बढ़ रही है।” सेना की नर्सिग सेवा में महिलाएं 1927 में शामिल की गई और चिकित्सा अधिकारी कैडरों के रूप में 1943 में ली जाने लगी। वर्ष 1992 में महिलाएं शार्ट सर्विस कमीशन के तौर पर सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए समर्थ बनी।

वर्ष 2008 में सरकार ने शार्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने का फैसला लिया। सेना के तीनों अंगों के उस हिस्से में जिसका दुश्मन के साथ सीधे मुकाबला या शारीरिक संपर्क की संभावना नहीं थी वहीं स्थायी कमीशन प्रदान किया गया था। वायुसेना में इस समय सबसे ज्यादा 1350 और सेना में 1300, जबकि नौसेना में 350 महिला अधिकारी सेवारत हैं।

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

Continue Reading

Trending