Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

राज्यपाल नाईक ने अखिलेश सरकार को लताड़ा, कहा- करप्शन पर नहीं की कार्रवाई

Published

on

Loading

ram-naik-and-akhilesh-yadavलखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां चुनावी माहौल जोर पकड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने भी रविवार को इशारों ही इशारों में अखिलेश सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया। भाजपा नेता नाईक ने हालांकि साफतौर पर कहा कि लोकायुक्त के प्रत्यावेदनों पर संज्ञान न लेने से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने भष्ट्राचार को प्रोत्साहन देने का काम किया।

राज्यपाल राम नाईक ने रविवार को राजभवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने अखिलेश सरकार की कई कमियों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि इन बातों को भी जनता को जानने का हक है।

इस दौरान उन्होंने अखिलेश सरकार की दुखती नब्ज पर हाथ रखते हुए कहा, “लोकायुक्त की तरफ से सरकार को 53 विशेष प्रत्यावेदन भेजे गए, जिसमें से केवल दो प्रत्यावेदनों पर ही राज्य सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण उपलब्ध कराए गए। बाकी 51 के सबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई।”

नाइक ने कहा, “भ्रष्टाचार के विरोध में एक वैधानिक संस्था का गठन किया गया है और सरकार ने इसका उपयोग नहीं किया। इससे ऐसा समझा जाता है कि भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन देने का काम किया गया।”

राज्यपाल ने कहा कि 51 प्रत्यावेदनों को लेकर उनके द्वारा मुख्यमंत्री को 12 अगस्त, 2016 और 21 दिसंबर, 2016 को पत्र लिखा गया। लोकायुक्त ने जिनके खिलाफ मुख्यमंत्री के पास प्रत्यावेदन भेजे, उनमें नौ पूर्व मंत्री, एक विधायक व तीन अध्यक्ष (नगर पालिका और नगर पंचायत) एवं 40 अधिकारी शामिल थे।

राम नाईक यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का ऑडिट कैग से कराने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार ने कहा है कि प्राधिकरण की प्राप्तियों का ऑडिट किए जाने की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को तीन पत्र लिखे गए, लेकिन इसमें भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद इस संदर्भ में राष्ट्रपति, गृहमंत्री व वित्तमंत्री को 26 जुलाई, 2016 को पत्र भेज दिया गया।

नाईक ने इस अपने ढाई वर्षो के काम काज का जो लेखा जोखा प्रस्तुत किया है, उसमें उन्होंने यह भी जिक्र किया है कि अखिलेश सरकार राज्य में सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर भी गंभीर नहीं दिखाई दी।

उन्होंने कहा कि उप्र में मथुरा जिले के जवाहरबाग में जो घटना हुई, उसमें दो पुलिस अधिकारियों सहित दो दर्जन लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, “इस घटना के बाद मैंने मुख्यमंत्री को पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण एवं अवैध कब्जों को लेकर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस प्रकरण में सरकार की तरफ से कोई प्रगति नहीं हुई।”

उप्र में चल रहे चुनावी माहौल में राज्यपाल ने लोगों से बढ़-चढक़र मतदान करने की अपील भी की।

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending