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मुख्य समाचार

राज्यसभा दिनभर के लिए स्थगित

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नई दिल्ली| मानसून सत्र के समापन से एक दिन पहले बुधवार को भी राज्यसभा की कार्यवाही ललित मोदी प्रकरण और व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर जारी गतिरोध के कारण बाधित रही। इन मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही सुबह शुरू होने पर उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कहा कि वह इस मुद्दे पर नोटिस की अनुमति नहीं दे रहे, क्योंकि पूर्व में चर्चा के कई अवसर प्रदान किए जाने के बावजूद इस पर चर्चा नहीं हुई।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, “जब तक प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे देते, हर नोटिस को नए नोटिस की तरह लिया जाना चाहिए।”

इस पर कुरियन ने कहा, “मैं चर्चा की अनुमति देने के लिए तैयार हूं, क्या आप प्रस्ताव लाने को तैयार हैं?”

इस पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे तब तक चर्चा नहीं होने देंगे, जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित नहीं होते।

जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव ने कहा कि आजादी के 68 साल बाद ‘पूंजीपति’ संसद की कार्यवाही सुचारु बनाने की बात कह रहे हैं।

उन्होंने कहा, “उन्हें याद रखना चाहिए कि 125 करोड़ भारतीय नागरिकों ने संसद को चुना है.. वे चाहते हैं कि संसद की कार्यवाही चले।”

इस पर सदन के नेता अरुण जेटली ने सवाल किया कि क्या आम आदमी चाहता है कि संसद की कार्यवाही न चले।

कांग्रेस के सांसदों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी वैसा ही नजारा रहा।

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने शरद यादव का समर्थन किया और कहा, “हम हर रोज सांसदों के बारे में की जाने वाली टिप्पणियों पर चर्चा करते हैं। अब उद्योगपति कह रहे हैं कि सदन का कामकाज चलना चाहिए। सरकार मीडिया और उद्योगपतियों को विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है।”

इसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि लोकसभा ने चर्चा के बाद मतदान का फैसला किया है। सरकार को राज्यसभा में भी ऐसा ही करना चाहिए।

येचुरी ने कहा, “अगर उद्योगपति सदन में कामकाज होते देखना चाहते हैं तो यह अच्छी बात है, लेकिन उन्हें दखल नहीं देनी चाहिए। दूसरे सदन में मतदान के साथ चर्चा कराई जा रही है, यहां भी ऐसा ही किया जाए। चर्चा के बाद मतदान।”

कांग्रेस सदस्यों के शोरशराबे और हंगामे के कारण सभापति एम. हामिद अंसारी ने राज्यसभा की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

भोजनावकाश के बाद उपसभापति कुरियन ने वस्तु एवं सेवा कर विधेयक पर चर्चा कराने की कोशिश की। लेकिन हंगामा जारी रहा, जिसके चलते कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

 

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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