प्रादेशिक
राम गोपाल का बयान राजनीतिक, टिप्पणी नहीं करूंगा : राम नाईक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव द्वारा सेामवार को दिए गए बयान को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना राज्यपाल के पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। राज्यपाल ने मंगलवार को लखनऊ में एक बयान जारी कर यह बातें कही। अपने बयान में नाईक ने कहा है, “22 जुलाई 2014 को राज्यपाल पद की शपथ ली थी कि मैं श्रद्धापूर्वक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन करूंगा तथा उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा और कल्याण में निरत रहूंगा।”
नाईक ने कहा कि वह राज्यपाल पद की गरिमा और मयार्दा का सदैव पालन करते रहे हैं और करते रहेंगे। राम नाइक के बयान पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने सोमवार को नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल पद की गरिमा गिर गई है। इस पद पर आसीन होने वाले व्यक्ति को महामहिम कहकर संबोधित करना शर्मनाक लगने लगा है। गौरतलब है कि 22 जुलाई को राज्यपाल के रूप में एक वर्ष पूरा करने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राम नाईक ने कहा था कि ये बातें सुनने में आ रही हैं कि थानों में जाति विशेष के लोगों का बोलबाला है और विभिन्न विभागों में होने वाली नई भर्तियों में जाति विशेष की बहुलता है। राज्यपाल ने कहा था कि वह सरकार से इस बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने पर उनसे भी इस बारे में चर्चा करेंगे।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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