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राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा कश्मीर?

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श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के कारण त्रिशंकु विधानसभा में सरकार गठन को लेकर असमंजस जारी है। हिंदू मुख्यमंत्री की शर्त रखने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन को लेकर न तो पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और न ही नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) उत्सुक दिख रही है। गतिरोध यूं ही जारी रहा तो राज्य में राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता।

सरकार बनाने को लेकर कोई आश्वस्त नहीं दिख रहा है। किसी को यह भी मालूम नहीं कि कौन-सी पार्टी या कौन-सा गठबंधन मिलकर 87 सीटों वाली त्रिशंकु विधानसभा में सरकार बनाने की पहल करेगा। विधानसभा चुनाव में पीडीपी को 28, भाजपा को 25 तथा सत्तारूढ़ नेकां को 18 और कांग्रेस को 12 सीटें मिलीं। छोटी पार्टियां तथा निर्दलीय को सात सीटें मिली हैं। ‘मिशन 44+’ के साथ चुनाव में उतरी भाजपा भले ही 25 सीटों पर सिमट गई हो, मगर सत्ता पाने की सबसे ज्यादा ललक यही पार्टी दिखा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रवक्ता और अब भाजपा के महासचिव राम माधव इन दिनों कश्मीर में डेरा डाले हुए हैं। वह सरकार बनाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं और गुरुवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली भी पर्यवेक्षक बनकर यहां पहुंचे थे।

चुनाव के पहले सभी पार्टियों के अपने-अपने दावे थे, लेकिन नया जनादेश आने के बाद सबके मंसूबों पर पानी फिर गया है। राज्य विधानसभा में बहुमत के लिए 44 सीटें चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि सरकार बनाने के लिए कौन सी दो पार्टियां गलबहियां करेंगी। शुरुआत में लगा कि नेकां और भाजपा किसी समझौते पर पहुंच चुकी है। उमर अब्दुल्ला के 24 दिसंबर को दिल्ली जाने को लेकर कई अटकलें लगाई गईं, लेकिन जब उमर श्रीनगर पहुंचे, तो उनके कुछ विधायकों ने भाजपा के साथ गठबंधन का विरोध किया। इसके अलावा, हिंदू मुख्यमंत्री की भाजपा की शर्त को लेकर भी कश्मीर घाटी में असमंजस है।

इसके बाद मीडिया का ध्यान महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी पर गया। गुरुवार को भाजपा महासचिव राम माधव के श्रीनगर पहुंचने के बाद वरिष्ठ पीडीपी नेता तथा सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग ने उनके साथ दो दौर की बातचीत की। पीडीपी प्रवक्ता बेग ने स्पष्ट किया कि वह राम माधव से व्यक्तिगत तौर पर मिले थे, न कि पीडीपी के मध्यस्थ के तौर पर। मगर बात बनती नजर नहीं आ रही है। असमंजस की बात यह है कि नेकां और पीडीपी दोनों का जनाधार मुस्लिम बहुल कश्मीर घाटी में है। ऐसे में वह हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र से मुख्यमंत्री की भाजपा की शर्त मानकर अपने मतदाताओं को नाराज कैसे करे।

यही वजह है कि भाजपा के साथ गठबंधन की बात स्वीकार करने में दोनों पार्टियां संकोच बरत रही हैं। हालांकि भाजपा को उनसे हाथ मिलाने में कोई संकोच नहीं है, क्योंकि उसे किसी भी तरह सत्ता चाहिए। नेकां तथा पीडीपी के तेवर देखकर जम्मू एवं कश्मीर में तत्काल सरकार गठन की संभावना नजर नहीं आ रही है। सवाल कई हैं। घाटी के लोगों के समर्थन की कीमत पर क्या दोनों पार्टियां भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर तैयार होंगी? भाजपा को सत्ता से अलग रखने के लिए क्या पीडीपी, नेकां तथा कांग्रेस आपस में हाथ मिलाएंगे, जैसा कि मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सुझाव दिया है? इन सवालों के जवाब तभी मिलेंगे, जब जम्मू एवं कश्मीर में सरकार बनाने की कोई पहल करे। मौजूदा हालात तो राष्ट्रपति शासन की ओर ही इशारा कर रहे हैं।

नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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