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राष्ट्रीय शिक्षा नीति सबकी राय से बनेगी : ईरानी

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अगरतला। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने के लिए सभी की राय ली जाएगी। स्मृति ने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय स्तर से जमीनी स्तर तक एक संयुक्त प्रयास शुरू किया गया है।

स्मृति ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार से मुलाकात करने के बाद शुक्रवार रात कहा, “ऐसा पहली बार हो रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर से जमीनी स्तर तक देश के नागरिक अपनी राय देंगे। नीति का मसौदा दिसंबर तक तैयार हो जाएगा।” उन्होंने कहा, “सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों की क्षेत्रीय बैठक शुक्रवार को अगरतला में आयोजित हुई। इन राज्यों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार जाहिर किए।”

ईरानी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर परामर्श की प्रक्रिया ग्राम पंचायत स्तर से जिले तक और राज्य से राष्ट्रीय स्तर तक पूरे देश भर में शुरू हो चुकी है और प्रतिक्रिया बहुत उत्साहवर्धक रही है। ईरानी ने शुक्रवार को अगरतला में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “आईआईटी और एनआईटी के विद्यार्थियों द्वारा विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक, शिक्षाविद और तकनीकी विशेषज्ञों से अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए, एमएचआरडी ने हाल ही में ‘जीआईएएन’ (ग्लोबल इनीसिएटिव ऑफ एकेडेमिक नेटवर्क) नीति शुरू की है।”

स्मृति ने एनआईटी के विद्यार्थियों से उनके संस्थान के आस-पास रह रहे गांववासियों के साथ उनके अनुभव साझा करने का आग्रह भी किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल जनवरी में ‘ई-सौध-सिंधु’ वेब पोर्टल भी जारी हो जाएगा और इस पर दुनिया भर की 90,000 इ-पुस्तकें और 10,000 पत्रिकाएं उपलब्ध होंगी।

त्रिपुरा के शिक्षामंत्री तपन चक्रवर्ती ने कहा कि वाम मोर्चा सरकार ने ²ढ़ता से एक नई शिक्षा नीति के लिए बनाई जा रही योजना का समर्थन किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया है।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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