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राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति में मोदी सरकार असफल : पुनिया

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रायपुर, 1 जून (आईएएनएस/वीएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पार्टी प्रवक्ता पी.एल. पुनिया ने यहां गुरुवार को कहा कि केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मामले में पूरी तरह असफल हुई है। सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में आतंकी व नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं और जम्मू एवं कश्मीर में तनाव बढ़ा है। पुनिया ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, केंद्र की भाजपा सरकार ने असली मुद्दे तो ठंडे बस्ते में डाल दिए, नए मुद्दों का सृजन हो रहा है। केंद्र सरकार अपने तीन साल के कामकाज का प्रचार कर रही है, जबकि किया कुछ नहीं है। ये लोग कांग्रेस की योजनाओं के नाम बदलकर उसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं।

उन्होंने कहा, पिछले तीन सालों में 172 आतंकवादी हमले हुए। पिछले 21 महीनों में 12 बड़े आतंकवादी हमले हुए। 578 जवान शहीद और 877 नागरिक मारे गए। तीन सालों में अकेले जम्मू एवं कश्मीर में 203 जवान शहीद हुए। वहां 1343 बार घुसपैठ हुई। छह महीनों में तीन बार पाकिस्तान ने हमारे जवानों के शव क्षत-विक्षत किए। इसी तरह नक्सलवादियों ने सुकमा में सीआरपीएफ के जवानों के शव क्षत-विक्षत कर दिए।

उन्होंने कहा, पिछले तीन सालों में नक्सलियों ने 665 नागरिकों की हत्या की। नक्सली हिंसा की 3,517 घटनाएं हुईं, 271 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। देश में नक्सलवाद जगह-जगह पैर पसार रहा है। पहले ये छत्तीसगढ़ में केवल कुछ ही स्थानों पर था, आज पूरा छत्तीसगढ़ इससे ग्रसित है।

पुनिया ने कहा कि नक्सल हमलों पर सरकार ने जो सीबीआई जांच की घोषणा की थी, उसका क्या हुआ? क्यों जांच नहीं हो रही है?

उन्होंने आरोप लगाया, मोदी सरकार सुरक्षा के नाम पर भी समझौता कर रही है। भारतीय वायुसेना की लड़ाकू स्क्वैड्रन घटकर 32 हो गई, जबकि वायुसेना की जरूरत 45 स्क्वैड्रन की है। यह पिछले 10 सालों में सबसे कम है। यूपीए सरकार के 226 लड़ाकू राफेल जहाज खरीदने का सौदा निरस्त करने के बाद भाजपा सरकार ने ऑफ द शेल्फ 36 राफेल जहाज खरीदे जाने की घोषणा 2016 में की थी, लेकिन आज तक न तो कोई लड़ाकू जहाज आया और न ही इसका मूल्य तय किया जा सका।

प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार के चीन सीमा पर माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के गठन को भी भाजपा सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। भारतीय सैन्य बलों द्वारा रक्षा कैपिटल बजट की मांग की गई, लेकिन रक्षा का बजट घटा दिया गया और आवंटित राशि खर्च नहीं की गई।

उन्होंने भाजपा सरकार की विदेश नीति पर हमला करते हुए कहा, प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं महज सैर साबित हुई हैं। चीन ने नेपाल, मालद्वीप, श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ तेजी से सामरिक, आर्थिक व रक्षा साझेदारी बढ़ा ली है। चीन ने पाकिस्तान का साथ देते हुए न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता रोक दी। चीन यूएन सुरक्षा काउंसिल में भारत की सदस्यता का विरोध करता है। चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर आंतकी मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयास पर पानी फेर दिया। कोई बताए, भारत के प्रधानमंत्री की यात्रा का क्या फायदा हुआ?

उन्होंने कहा, ताज्जुब की बात है कि 2017 में पाकिस्तान को अमेरिकी सेना व सिविल सहायता में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह वृद्धि छह सालों में पहली बार हुई। उधर 70 सालों में पहली बार भारत के भरोसेमंद साथी रूस ने पाकिस्तान को हथियारों की बिक्री पर लगाई गई रोक हटा ली। रूस ने पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग का समझौता किया। अगस्त 2015 में एमआई-35 हेलीकॉप्टर बेचने का समझौता किया गया, जिनकी डिलीवरी 2017 में दी जाएगी।

पुनिया ने कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों पर नस्लीय हमले बढ़ रहे हैं, लेकिन विदेश मंत्रालय उनकी हिफाजत के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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