नेशनल
राहत फतेह अली के कार्यक्रम में नहीं थे आदित्य ठाकरे
मुंबई| इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएएशन (ईईएमए) ने मुंबई में शिवसेना की शाखा युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे पर पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान के संगीत कार्यक्रम में शामिल होने संबंधी उठाए गए प्रश्नों का जवाब दिया है। ईईएमए ने कहा कि आदित्य यहां ईईएमएएक्स ग्लोबल कॉन्क्लेव में आयोजित राहत के संगीत कार्यक्रम में नहीं, बल्कि कॉन्क्लेव में ही एक अलग समारोह में शामिल हुए थे।
कुछ दिन पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के संगीत कार्यक्रम में खलल डालने की धमकी दी थी और इसके बाद अन्य पाकिस्तानी समारोह में दिवंगत बाल ठाकरे के पोते आदित्य ठाकरे की मौजूदगी पर सवाल उठाए गए थे। ईईएमए वेस्ट वाइस की अध्यक्ष सुषमा गायकवाड़ द्वारा ईईएमए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आदित्य को राहत के कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
बयान में कहा गया आदित्य को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी और राहत का संगीत प्रस्तुति एक अलग कार्यक्रम था| होटल के अलग स्थान पर जो एक निजी समारोह था। 20 सितंबर को दोपहर साढ़े तीन बजे ईईएमए के अध्यक्ष सब्बास जोसफ ने आदित्य से मुलाकात की और उन्हें दिल्ली पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा द्वारा संबोधित किए जा रहे सत्र में शामिल होने का आग्रह किया। ईईएमए के अध्यक्ष के आग्रह पर आदित्य ने उनका प्रस्ताव स्वीकार किया और सत्र में शामिल हुए और करीब शाम 4 बजे वह उस सत्र से चले गए।
आध्यात्म
नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है। मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।
मां को प्रिय है ये भोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।
यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।
माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं
जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।
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