Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

राहुल कारोबार, मुनाफा में अंतर नहीं जानते : शाह

Published

on

Loading

अहमदाबाद, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि उनके बेटे जय शाह ने अपने कारोबार में कुछ भी गलत नहीं किया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कारोबार और मुनाफा में अंतर नहीं जानते।

शाह ने यहां इंडिया टीवी के एक कॉन्क्लेव में कहा, जय ने 100 करोड़ रुपये का आपराधिक मानहानि का मामला इसलिए दायर किया है, क्योंकि वह वैध तरीके से कारोबार कर रहे हैं। यह मायने नहीं रखता कि राहुल गांधी क्या कहते हैं। उन्हें तो कारोबार और मुनाफा में अंतर तक नहीं पता है।

शाह ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि अदालत जाने का अधिकार हर किसी को है।

जय शाह की कंपनी के कारोबार में कथित तौर पर भाजपा के केंद्र में सत्ता में आने के बाद अभूतपूर्व वृद्धि हुई।

उन्होंने कहा, जय ने जांच की मांग का इंतजार किए बगैर खुद अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

शाह ने कहा, मेरा बेटा उपभोक्ता वस्तुओं का कारोबार करता है और उसमें घाटा हो सकता है। राहुल गांधी लेटर ऑफ क्रेडिट और ऋण के बीच अंतर नहीं जानते। जय को ऋण नहीं दिया गया था, बल्कि लेटर ऑफ क्रेडिट दिया गया था। उसने सरकार के साथ कोई कारोबार नहीं किया और सरकार से कोई जमीन नहीं ली और ठेकेदारों से उसका कोई संबंध नहीं है।

शाह ने जय शाह का बचाव करने वाले पीयूष गोयल का भी बचाव किया।

उन्होंने सवाल किया, पीयूष गोयल भाजपा नेता के रूप में बचाव में आए, न कि एक मंत्री के रूप में। और यदि उन्होंने बचाव किया तो कौन सा अपराध कर दिया। क्या हमें अपना पक्ष रखने का अधिकार नहीं है। गलत क्या है?

Continue Reading

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

Published

on

Loading

कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

Continue Reading

Trending